
सिवान। जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में बिहार के सपूत और सिवान जिले के जवान रामबाबू सिंह शहीद हो गए हैं। उनकी शहादत की खबर जैसे ही उनके गांव वासिलपुर (थाना क्षेत्र: जीबी नगर तरवारा) पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। गांव में मातम पसरा हुआ है और हर आंख नम है।
दुश्मन से लोहा लेते हुए हुए शहीद
जानकारी के अनुसार, 9 अप्रैल को पाकिस्तान की ओर से हुई फायरिंग में रामबाबू को गोली लगी थी, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लगातार इलाज चलने के बावजूद 11 मई को उन्होंने अंतिम सांस ली और देश के लिए शहीद हो गए।
अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़
शहीद जवान का पार्थिव शरीर आज हवाई मार्ग से पटना एयरपोर्ट लाया जाएगा और वहां से सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव लाया जाएगा। गांव में हजारों की संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए जुटने लगे हैं। प्रशासन द्वारा भी अंतिम विदाई की तैयारी की जा रही है।
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शादी के महज तीन महीने बाद आई यह दुखद घड़ी
सबसे ज्यादा दर्दनाक पहलू यह है कि शहीद रामबाबू की शादी तीन महीने पहले ही हुई थी। शादी की खुशियां अभी थमी भी नहीं थीं कि अब पत्नी के माथे से सिंदूर उजड़ गया। शहीद की पत्नी बेसुध हैं और घर का माहौल बेहद गमगीन है।
देश ने लिया आतंकी हमले का बदला
ज्ञात हो कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 निर्दोष सैलानियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस नृशंस हमले के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया था। जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान के अंदर मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अड्डे मुरीदके और बहावलपुर भी शामिल थे।
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बिहार ने फिर दिया एक वीर सपूत
शहीद रामबाबू की शहादत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बिहार की धरती वीरों से खाली नहीं। उनकी बहादुरी, कर्तव्यनिष्ठा और बलिदान को सदा याद रखा जाएगा। आज जब उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचेगा, तो राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।