छपरा। भारत के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में देश भर से श्रद्धालुओं का आवागमन वर्ष पर्यन्त होता है। प्रतिवर्ष प्रयागराज संगम पर लगने वाले माघ मेला तथा अर्ध कुम्भ व महाकुम्भ स्नान पर्व में बहुत बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। बनारस-प्रयागराज रेल खंड पर बढ़ते हुये यातायात को देखते हुये रेल मंत्रालय द्वारा बनारस प्रयागराज खंड के दोहरीकरण को स्वीकृति प्रदान की थी । इस दोहरीकरण परियोजना के बनारस-झूसी (111.41 किमी.) का विद्युतीकरण सहित दोहरीकरण का कार्य रू 1600 करोड़ की लागत से पूर्ण किया गया है।
यह विद्युतीकरण के साथ दोहरीकृत रेल लाइन वाराणसी, मिर्जापुर, संत रविदास नगर एवं प्रयागराज जनपद में स्थित है। इस परियोजना को 07 चरणों में पूर्ण किया गया। इस परियोजना के पूरा होने से लाइन क्षमता में बढ़ोत्तरी होने से जन आकांक्षाओं के अनुरूप अतिरिक्त ट्रेनों का परिचालन सम्भव होगा । प्रयागराज-नैनी-पं० दीन दयाल उपाध्याय जं. रेल मार्ग पर दबाव कम होगा ।
देश की पहली 20 कोच की वंदे भारत एक्सप्रेस समेत तीन वन्देभरत ट्रेन इसी रेल मार्ग से होकर चलाई जाती है। विद्युतीकरण सहित इस दोहरी लाइन का निर्माण होने से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिला है क्षेत्र में आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ बढ़ी हैं तथा क्षेत्र तेजी से विकास की ओर अग्रसर हुआ है।
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