बिहार से सैकड़ों की संख्या में नोनिया पहुंचेंगे आसनसोल, RNSS के राष्ट्रीय अधिवेशन का तिथि निर्धारित

छपरा

छपरा। नोनिया नुनिया लोनिया लुनिया चौहान विभिन्न नामों से देश के अलग अलग प्रदेशों में जानने वाली जाति की राष्ट्रीय संस्था रचनात्मक नोनिया संयुक्त संघ (RNSS) पश्चिम वर्धमान के आसनसोल में राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करने जा रही है।उक्त जानकारी जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं नोनिया-बिन्द-बेलदार समाज के वरीय नेता संतोष कुमार महतो ने प्रेसवार्ता कर दी।

संतोष महतो ने बताया कि अधिवेशन 18 दिसंबर 2022 को संप्रिती भवन, त्रिवेणी मोड मे सुबह 10 बजे से होना सुनिश्चित है. इस राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के करीब 10 राज्यों से ज्यादा प्रदेशों से समाजसेवी व सामाजिक लोग हजारों की संख्या में शामिल होंगे. बिहार के लगभग हर जिलों से नोनिया चौहान समाज के RNSS कार्यकर्ता सैकड़ों की संख्या में पहुंचेंगे आसनसोल. RNSS ने अपना द्वितीय राष्ट्रीय अधिवेशन मार्च 2019 में हाजीपुर में किया था. रचनात्मक नोनिया संयुक्त संघ (RNSS) एक गैर राजनीतिक संस्था है जो समाज में फैली कुरीतियों के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक समानता, सामाजिक जागरुकता, रोजगार एवं नारी सस्कतिकरण पर कार्य करती है. इस संगठन से एक मजदूर से लेकर किसान, डॉक्टर, अधिकारी हर वर्ग का लोग जुड़कर समाज को सहयोग और उनके उत्थान के लिए कार्य करते हैं. RNSS के अधिवेशन में देश के कोने कोने से हर पार्टी दल के नेता सम्मिलित होते हैं और सारे द्वेष भुलाकर केवल समाज के शैक्षणिक और सामाजिक समस्याओं के साथ उनके समाधान पर अपने विचार सुझाव के साथ आगे की रणनीति को अपनाते हैं। RNSS के पदाधिकारियों ने बताया कि RNSS एक गैर राजनीतिक संस्था है जिसमे हर पार्टी दल के नेता व कार्यकर्ता जो नोनिया चौहान समाज से हैं एक सामाजिक व्यक्ति के नाते शामिल हो सकते हैं और राजनीतिक विचारधारा को त्याग कर समाज और देश हित में अपने सुझाव या कोई विचार प्रकट कर सकते हैं. विगत पिछले कई सालों में RNSS ने अपने मुख्य मुद्दों पर कई कार्य कर कीर्तिमान स्थापित कर नोनिया लोनिया चौहान समाज के अपार जनसमर्थन के साथ लोकप्रिय राष्ट्रीय संस्था बन चुकी है. मुख्य कार्यों मे से एक की बात करे तो RNSS ने कोरोना काल में देश के कोने कोने में फंसे हजारों लोगो तक जाति धर्म से ऊपर उठकर जरूरतमंद को राशन उपलब्ध कराने का सराहनीय कार्य किया है. इस संगठन ने बिहार असम के भी दर्जनों बाढ़ क्षेत्रों मे दौरा कर बाढ़ पीड़ितों को राशन, दवा पानी आदि भी उपलब्ध कराने का नेक कार्य किया है. अभी RNSS का गठन देश के 15 राज्यों में हो चुका है और 2023 का लक्ष्य 26 राज्यों में गठन का है.

सबसे खास बात जो RNSS को खास बनाती है वो यह है कि 90% कार्यकर्ता युवा हैं और रोजी रोजगार से जुड़े हैं जो आपसी आर्थिक सहयोग कर बिना चंदा लिए अपने नौकरी परिवार से महत्वपूर्ण समय मे से समय निकाल समाज सेवा का एक नया रास्ता और आगाज किया है.