फाइलेरिया मुक्त होगा सारण जिला, बूथ बनाकर खिलायी जायेगी बचाव की दवा

छपरा स्वास्थ्य
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सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित
आपसी समन्वय स्थापित कर अभियान को सफल बनाएं: डीएम
डीएम की अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की बैठक
10 फरवरी से जिले में चलेगा अभियान

छपरा। जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने के उद्देश्य से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम अभियान चलाया जायेगा। 10 फरवरी से अभियान की शुरूआत की जायेगी। जिसके तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलायेंगी। इस अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में सारण समाहरणालय सभागार में जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गयी। जिसमें जिलाधिकारी अमन समीर ने निर्देश दिया कि सभी विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर इस अभियान को सफल बनाएंगे। ताकि जिले को फाइलेरिया के दंश से बचाया जा सके। यह अभियान फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में काफी महत्वपूर्ण है। उन्होने सभी विभागों को अपने दायित्वों का निवर्हन करने का आदेश दिया।

तीन तरह की दवा खिलायी जायेगी

10 फरवरी से सवर्जन दवा सेवन (आईडीए) अभियान की शुरूआत की जायेगी। यह अभियान 17 दिनों तक चलेगा। शुरूआती तीन दिन सार्वजनिक स्थल, पंचायत भवन, चौक-चौराहा, सरकारी अस्पताल, आंगनबाड़ी केंद्र और सरकारी और निजी विद्यालयों में बूथ लगाकर दवा खिलायी जायेगी। लंच समय खाना खाने के बाद बच्चों को दवा खिलाना है। ताकि बच्चें दवा खाने के बाद अपने घर के लोगों को भी इसके बारे में जागरूक कर सके। उन्होने कहा कि अभियान के दौरान मार्किंग भी की जायेगी। ऊंगली पर मार्कर से निशान लगाया जायेगा। उसके बाद 14 दिनों तक आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा खिलायेंगी।

इस बार अभियान के दौरान तीन तरह की दवा खिलायी जायेगी, जिसमें डीईसी, अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन शामिल है। यह सुनिश्चित करना है कि आशा कार्यकर्ता अपने आंखों के सामने लाभार्थी को दवा खिलाएं। किसी भी परिस्थिति में दवा को बांटना नहीं है, बल्कि सामने हीं दवा खिलाना है। साथ हीं डोर-टू-डोर अभियान के द्वारा घरों की मार्किंग भी की जायेगी।

इस बैठक में जिलाधिकारी के अलावा सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह, डब्ल्यूएचओ के राज्य प्रतिनिधि डॉ. राजेश पांडेय, डीआईओ डॉ. चंदेश्वर सिंह, डीपीएम अरविन्द कुमार, डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह, डीपीओ आईसीडीएस, डीईओ, जिला पंचायत राज विभाग, जिला आपूर्ति पदाधिकारी समेत अन्य पदाधिकारी और सहयोगी संस्था डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ,पीरामल, सीफार के प्रतिनिधि मौजूद थे। वहीं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़े थे।

फाइलेरिया कक्षा का होगा आयोजन:

समन्वय समिति की बैठक में जिलाधिकारी अमन समीर ने कि 10 फरवरी से विद्यालयों में फाइलेरिया कक्षा आयोजित किया जाये, जिसमें सभी बच्चों को फाइलेरिया बीमारी के बारे में तथा दवा खाने की जानकारी दी जाये। बच्चों के कॉपी पर एमडीए की दवा खाने का संदेश दिया जाये और परिजन से हस्ताक्षर कराकर उसे जमा करांए। साथ हीं जागरूकता के लिए निबंध प्रतियोगिता आयोजित कराया जाये। डीएम ने कहा कि स्कूली बच्चों के द्वारा प्रभात-फेरी निकाली जाये। वहीं पंचायती राज विभाग को जिम्मेदारी दी गयी है कि पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जाये और प्रतिनिधियों पंचायत में प्रचार-प्रसार कराया जायेगा।

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए समुदाय के साथ बैठक करें और 10 फरवरी को स्वयं दवा खाकर इसका उद्घाटन करेंगे। सभी पंचायत परिसरों में दीवाल पेंटिंग कराया जाये। आईसीडीएस विभाग को जिम्मेदारी दी गयी है सेविकाओं के माध्यम से दीवार स्लोगन लेखन, बूथ लगाने में मदद, गृह भ्रमण के दौरान समुदाय में जागरूकता और शहरी क्षेत्र में दल कर्मी में रूप में कार्य करना सुनिश्चित करें। डीएम ने कहा कि इस अभियान राशन डीलर, नगर निगम और नगर पंचायत के वार्ड पार्षद प्रचार-प्रसार करेंगे, साथ हीं पोस्टर लगाया जायेगा, और सफाई वाहन के माध्यम से ऑडियो प्रचार किया जायेगा। विकास मित्र महादलित टोला समुदाय में बैठक कर जागरूक करेंगे और आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे। जीविका समूह के माध्यम से भी प्रचार –प्रसार कर जागरूक किया जायेगा।

खाली पेट नहीं खानी है दवा:

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि यह दवा खाली पेट नहीं खानी है, दवा खाने के बाद एक ग्लास पानी पीना है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को दवा नहीं खिलाना है। उन्होने बताया कि आइवरमेक्टिन दवा हाइट के अनुसार देना है। 90 से 119 सेमी लंबाई वाले को एक गोली, 120 से 140 सेमी लंबाई वाले को 2 गोली, 141 से 158 सेमी वाले को 3 गोली और 159 सेमी से ज्यादा चाहे जितना भी हो उसे 4 गोली देनी है। वहीं 2 से 5 वर्ष आयु वर्ग को डीईसी की एक गोली और अल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग को डीईसी की दो गोली और अल्बेंडाजोल की एक गोली, 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले 3 डीईसी और एक अल्बेंडाजोल की गोली देनी है।