छपरा। बिहार के पशुपालन विभाग ने बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए दो साल से बंद पड़ी समेकित बकरी विकास योजना को फिर से शुरू कर दिया है। इस वर्ष, राज्य सरकार ने गरीब परिवारों को बकरी पालन के माध्यम से आजीविका कमाने का अवसर प्रदान करने के लिए एक बार फिर पहल की है। इस योजना से सभी वर्गों को लाभ मिलेगा। सामान्य वर्ग के लिए बकरी पालन हेतु 50 प्रतिशत और एससी/एसटी परिवारों के लिए 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। पशुपालन विभाग ने इसके लिए 5 करोड़ 22 लाख 85 हजार रुपये का बजट निर्धारित किया है। उन्नत नस्ल के बकरे की औसत कीमत 15 हजार रुपये है। सामान्य वर्ग को प्रति बकरे के लिए 1 लाख 21 हजार रुपये और एससी/एसटी परिवारों को 1 लाख 45 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
प्रति बकरे की लागत 20 बकरियों के लिए 2 लाख 42 हजार रुपये है। इसमें सामान्य वर्ग को 1 लाख 21 हजार रुपये और आरक्षित वर्ग को 1 लाख 45 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाती है। 40 बकरियों की कुल कीमत 5 लाख 32 हजार रुपये है, जिसमें सामान्य वर्ग को 2 लाख 66 हजार रुपये और आरक्षित वर्ग को 3 लाख 19 हजार रुपये की सब्सिडी मिलती है। 100 बकरियों की कुल कीमत 13 लाख 4 हजार रुपये है, जिसमें सामान्य वर्ग को 6 लाख 52 हजार रुपये और आरक्षित वर्ग को 7 लाख 82 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाती है।
यह योजना तीन श्रेणियों में विभाजित है। पहली श्रेणी में 20 बकरियों और एक बकरे के लिए अनुदान दिया जाएगा। दूसरी श्रेणी में 40 बकरियों और दो बकरों के लिए अनुदान होगा। तीसरी श्रेणी 100 बकरियों और 5 बकरों से शुरू होगी, जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 50 फीसदी और आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। दूसरी योजना के तहत 40 बकरियों और दो बकरों के लिए अनुदान दिया जाएगा, जबकि तीसरी योजना में 100 बकरियों और पांच बकरों के लिए अनुदान मिलेगा। इन दोनों योजनाओं के लिए, पशुपालन विभाग ने कुल 5 करोड़ 22 लाख 85 हज़ार रुपये का बजट आवंटित किया है।