छपरा

अब एक कॉल पर पशुपालकों की दहलीज पर पशु चिकित्सक, अब गांव-गांव पहुंचेगी एम्बुलेंट्री वैन

टॉल फ्री नंबर 1962 से बुलाइए डॉक्टर

पटना। पशुपालकों के लिए खुशखबरी है। अब पशुओं के इलाज के लिए दूर-दराज पशु चिकित्सालयों की दौड़ लगाने की जरूरत नहीं होगी। राज्य सरकार की पहल से सिर्फ एक कॉल पर घर तक पशु चिकित्सा सेवा उपलब्ध हो रही है। इसके लिए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने टॉल फ्री नंबर 1962 जारी किया है। इस नंबर पर कॉल करने पर चिकित्सक सीधे आपके घर पहुंचेंगे।

मोबाइल पशु चिकित्सा यूनिट से आसान हुआ इलाज

राज्य सरकार ने हाल के वर्षों में पशु चिकित्सा सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है।

  • 534 मोबाइल पशु चिकित्सा यूनिट और
  • 58 एम्बुलेट्री वैन

शुरू की गई हैं, जो पूरी तरह जीपीएस युक्त वाहन हैं। इन मोबाइल यूनिट में दवा, कृत्रिम गर्भाधान, पैथोलॉजिकल जांच और जरूरत पड़ने पर लघु सर्जरी की सुविधा भी उपलब्ध है।

24×7 पशु चिकित्सालय

अब सभी जिला मुख्यालयों पर स्थित पशु चिकित्सालयों में 24×7 चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है। वर्ष 2005 से पहले जहां पशु चिकित्सा सेवाएं बेहद सीमित थीं और ग्रामीण क्षेत्र में इसकी भारी कमी थी, वहीं अब पशुपालकों के द्वार तक सुविधा पहुंच रही है।

एम्बुलेट्री वैन से कैंप और इलाज

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की एम्बुलेट्री वैन के जरिए अब तक 3,167 पशु चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए। इनमें 4.18 लाख पशुओं का इलाज और 5,712 नमूनों की पैथोलॉजिकल जांच की गई। इस पहल ने सुदूर इलाकों तक पहुंच बना ली है और पशुपालकों को राहत मिली है।

45 लाख से अधिक पशुओं का इलाज

वित्तीय वर्ष 2024-25 में बिहार ने पशु चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि दर्ज की है।

जनवरी 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार

  • 45.70 लाख पशुओं का इलाज
  • 1.54 लाख पशुओं का बधियाकरण
  • 27,262 नमूनों की जांच
  • 36.90 लाख कृत्रिम गर्भाधान

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की योजनाएं न सिर्फ पशुपालकों की समस्याएं दूर कर रही हैं, बल्कि दुग्ध उत्पादन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई मजबूती दे रही हैं।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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