
Bihar Jamin Registry: बिहार सरकार ने भूमि लेन-देन की पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार का निबंधन विभाग 1 जुलाई 2025 से संपत्ति की रजिस्ट्री प्रक्रिया में चार नए और कड़े नियम लागू कर रहा है। इन प्रावधानों का मकसद जमीन से जुड़े फर्जीवाड़े, धोखाधड़ी और भू-माफियाओं के अवैध कारोबार पर नकेल कसना है।
अब तक जमीन की खरीद-बिक्री में नकली पहचान, जाली दस्तावेज और कैश ट्रांजैक्शन के माध्यम से बेनामी संपत्तियों का धड़ल्ले से सौदा होता रहा है। लेकिन अब यह मुमकिन नहीं होगा। नए नियम डिजिटल पहचान, ट्रैकिंग और भुगतान प्रणाली को अनिवार्य बनाकर गड़बड़ियों को रोकेंगे।
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चार बड़े बदलाव जो 1 जुलाई से लागू हो रहे हैं
🔹 1. आधार बायोमेट्रिक अनिवार्य
अब केवल नाम और फोटो से रजिस्ट्री नहीं होगी। हर खरीदार और विक्रेता को आधार कार्ड से बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन (फिंगरप्रिंट और रेटिना स्कैन) कराना अनिवार्य होगा। इससे फर्जी नाम या पहचान से रजिस्ट्री की संभावना खत्म होगी। वर्षों से चल रहे ‘कागज पर कब्जा’ के खेल पर ये नियम सीधा प्रहार है।
🔹 2. सभी दस्तावेजों की डिजिटल अपलोडिंग अनिवार्य
अब सभी कागजात को राज्य सरकार के पोर्टल पर डिजिटल फॉर्मेट में अपलोड करना अनिवार्य होगा। कोई भी फर्जी दस्तावेज़, नकली वारिस या बनावटी खतियान अब ऑनलाइन निगरानी प्रणाली से बच नहीं पाएंगे। जालसाजों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे पुराने कागजातों का खेल खत्म होगा।
🔹 3. ऑनलाइन भुगतान और ई-रसीद
संपत्ति का सौदा अब पूरी तरह कैशलेस और डिजिटल होगा। खरीदारी के सभी भुगतान ऑनलाइन मोड में होंगे और उसकी डिजिटल रसीद निबंधन पोर्टल पर स्वतः जनरेट होगी। यह व्यवस्था काले धन, घूस और बेनामी लेन-देन पर सीधी चोट करेगी।
🔹 4. रजिस्ट्री की डिजिटल कॉपी तुरंत उपलब्ध
रजिस्ट्री के बाद तत्काल डिजिटल कॉपी जारी की जाएगी, जिसे कभी भी डाउनलोड किया जा सकेगा। इससे दस्तावेजों की हेराफेरी, कागजात खो जाने या जानबूझकर गायब करने जैसी घटनाएं खत्म होंगी। अब सभी दस्तावेजों का स्थायी डिजिटल ट्रैक रहेगा।
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नए नियमों से क्या होंगे लाभ?
- भू-माफियाओं, दलालों और फर्जी मालिकों पर नकेल
- आम नागरिकों को सुरक्षित और पारदर्शी प्रक्रिया
- संपत्ति विवाद और अदालतों में लंबित मामलों में कमी
- सरकार के राजस्व में पारदर्शी वृद्धि
- जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े पर रोक
सरकार का क्या कहना है?
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अनुसार, “यह कदम बिहार में भूमि प्रशासन को डिजिटल, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने की दिशा में ऐतिहासिक साबित होगा। नए नियमों से न सिर्फ आम लोगों को सुविधा मिलेगी, बल्कि वर्षों से चले आ रहे जालसाजी के नेटवर्क पर भी करारा प्रहार होगा।”
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जरूरी लिंक और प्रक्रिया
- रजिस्ट्री पोर्टल: https://bhumijankari.bihar.gov.in
- आधार लिंकिंग, दस्तावेज अपलोड, भुगतान और कॉपी डाउनलोड की सभी प्रक्रिया इसी पोर्टल से होगी।
- किसी भी गड़बड़ी की सूचना जिलास्तरीय भूमि निबंधन कार्यालय या हेल्पलाइन नंबर पर दी जा सकती है।
जालसाजों की नींद उड़ जाएगी
बिहार में भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया के डिजिटल और सख्त होने से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इससे न सिर्फ जालसाजों की नींद उड़ जाएगी बल्कि जमीन-जायदाद को लेकर बढ़ते विवादों में भी उल्लेखनीय गिरावट आएगी। यदि यह व्यवस्था जमीन पर प्रभावी ढंग से लागू हो गई, तो यह एक मॉडल रिफॉर्म के रूप में देशभर में सराही जा सकती है।