चमकी बुखार को लेकर DM का आदेश: अस्पतालों में बेड-दवा और एंबुलेंस के साथ- साथ चिकित्सक 24 घंटे रहेंगे उपलब्ध

छपरा
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छपरा। जेई- एईएस के रोकथाम को लेकर जिला स्तरीय विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों को निर्धारित दायित्वों का तत्परता से निर्वहन कर इस बीमारी को आसानी के साथ रोका जा सकता है। उक्त बातें जिलाधिकारी अमन समीर ने जेई- एईएस से सबंधित अंतर विभागीय समन्वय समिति की बैठक के दौरान कही। समाहरणालय सभागार में आयोजित बैठक में जिले के सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी अपने- अपने प्रखंड से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तथा जिला स्तरीय पदाधिकारी भौतिक रूप से सभागार में उपस्थित थे। जबकि इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, डीवीबीडीसीओ डॉ दिलीप कुमार, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ आरएन तिवारी, डीआईओ डॉ चंदेश्वर प्रसाद सिंह, एनसीडीओ डॉ भूपेंद्र कुमार, डीपीएम अरविंद कुमार, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार सुधीर कुमार सिंह के अलावा कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

चिकित्सा पदाधिकारी एवं कर्मियों को पूरी जवाबदेही एवं तत्परता के साथ एईएस पर कार्य करने की जरूरत: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी अमन समीर ने स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय पदाधिकारी सहित जिले के सभी चिकित्सा पदाधिकारी एवं कर्मियों को पूरी जवाबदेही एवं तत्परता के साथ एईएस पर कार्य करने को लेकर आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया है। आशा कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को पारासिटामोल एवं ओआरएस का कीट उपलब्ध कराने तथा वितरण से संबंधित प्रखण्डवार रिपोर्ट प्राप्त करने का निर्देश दिया है। वहीं जिलाधिकारी ने सदर अस्पताल परिसर स्थित जिला स्तर पर गठित कंट्रोल रूम से नियमित अनुश्रवण कर सूचना प्राप्त करने तथा उससे अवगत कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया है।

शहरी क्षेत्र के पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर टेक्निकल मालाथियॉन का फॉगिंग कराने को लेकर दिया गया आवश्यक निर्देश: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी अमन समीर ने सिविल सर्जन और जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ दिलीप कुमार को जेई- एईएस के चिकित्सकीय प्रबंधन में सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित रखने को लेकर निर्देशित किया गया है। जिसमें मुख्य रूप से जिला अस्पताल में 10, अनुमंडलीय अस्पताल सोनपुर और मढ़ौरा में 05/05 तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 02/02 बेड सुरक्षित रखने, एसओपी के अनुसार चिन्हित औषधियों की शत प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित करने, चिकित्सकों का 24X7 रोस्टर ड्यूटी रखने, दर्पण प्लस ऐप के माध्यम से चिकित्सकों की उपस्थिति का अनुश्रवण करने, आईईसी सामग्रियों का वितरण करने, ग्राम परिवहन योजना के अंतर्गत परिचालित एम्बुलेंसों का पंचायतों से टैगिंग तथा शहरी क्षेत्रों के झुग्गी-झोपड़ियों, अस्पताल परिसरों में नगर निगम और नगर पंचायतो के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर टेक्निकल मालाथियॉन का फॉगिंग कराने का आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है।

सदर अस्पताल स्थित कंट्रोल रूम पूरी तरह से सक्रिय होना चाहिए: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने संबंधित पदाधिकारियों से कहा कि जिले में अत्यधिक गर्मी बढ़ने पर चमकी के मामले अक्सर देखें जाते है। क्योंकि यह बच्चों की एक गंभीर जानलेवा बीमारी है। जिसमें तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। लेकिन इस संबंध में इलाज या व्यवस्था में कोताही बरते जाने पर किसी भी हाल में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल के अलावा जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में भी कंट्रोल रूम पूरी तरह से सक्रिय है। सभी अस्पतालों में बेड, दवा और एंबुलेंस के साथ- साथ संबंधित चिकित्सको को 24 घंटे उपलब्ध रहना होगा। वहीं संबंधित क्षेत्र के अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मियों को चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक करने का भी निर्देश दिया गया। मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत लाभुकों द्वारा क्रय किए गए वाहनों की टैगिंग संबंधित प्रखंड के संबंधित स्वास्थ्य केंद्र के साथ सुनिश्चित करने को कहा गया है। ताकि इन वाहनों का उपयोग चमकी के मरीजों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए किया जाएगा। चमकी के मरीज को अस्पताल लाने वाले वाहनों को तुरंत नगद भुगतान करने की व्यवस्था की गई है।