Railway News: अमृत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकसित थावे समेत 103 रेलवे स्टेशनों का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन
प्रधानमंत्री ने देशभर में ₹11,000 करोड़ से अधिक की आधारशिला रखी

रेलवे डेस्क। देश में रेल अवसंरचना को निरंतर बेहतर बनाने और बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने भारत के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 86 जिलों में 1,100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित 103 पुनर्विकसित अमृत स्टेशनों का उद्घाटन किया। अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत 1,300 से अधिक स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं के साथ पुनर्विकसित किया जा रहा है, जिन्हें क्षेत्रीय वास्तुकला को प्रतिबिंबित करने और यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
थावे स्टेशन में 52 शक्तिपीठों में से एक माँ थावे वाली का प्रतिनिधित्व
करणी माता मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सेवा करने वाला देशनोक रेलवे स्टेशन मंदिर वास्तुकला और मेहराब एवं स्तंभ विषयवस्तु से प्रेरित है। तेलंगाना में बेगमपेट रेलवे स्टेशन काकतीय साम्राज्य की वास्तुकला से प्रेरित है। बिहार में थावे स्टेशन में 52 शक्तिपीठों में से एक माँ थावे वाली का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न भित्ति चित्र और कलाकृतियां शामिल हैं और यहां मधुबनी पेंटिंग को दर्शाया गया है। गुजरात में डाकोर स्टेशन रणछोड़राय जी महाराज से प्रेरित है। भारत भर में पुनर्विकसित अमृत स्टेशनों में आधुनिक अवसंरचना को सांस्कृतिक विरासत, दिव्यांगजनों के लिए यात्री-केंद्रित सुविधाओं और यात्रा के अनुभव को बढ़ाने के लिए दीर्घकालिक कार्य प्रणालियों के साथ एकीकृत किया गया है।
शत प्रतिशत विद्युतीकरण की ओर अग्रसर भारतीय रेल
भारतीय रेल अपने नेटवर्क के शत प्रतिशत विद्युतीकरण की ओर अग्रसर है, जिससे रेलवे संचालन अधिक कुशल और पर्यावरण अनुकूल बन रहा है। इसी क्रम में, प्रधानमंत्री ने चुरू-सादुलपुर रेल लाइन (58 किमी) की आधारशिला रखी और सूरतगढ़-फलोदी (336 किमी); फुलेरा-डेगाना (109 किमी); उदयपुर-हिम्मतनगर (210 किमी); फलोदी-जैसलमेर (157 किमी) और समदड़ी-बाड़मेर (129 किमी) रेल लाइन विद्युतीकरण को राष्ट्र को समर्पित किया।
राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण की आधारशिला रखी
राज्य में सड़क अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने 3 वाहन अंडरपास के निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण की आधारशिला रखी। वे राजस्थान में 7 सड़क परियोजनाओं को भी समर्पित करेंगे। 4850 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली ये सड़क परियोजनाएं माल और लोगों की सुगम आवाजाही की सुविधा प्रदान करेंगी। ये राजमार्ग भारत-पाक सीमा तक फैले हुए हैं, जो सुरक्षा बलों के लिए सुगमता को बढ़ाते हैं और भारत के रक्षा अवसंरचना को मजबूत करते हैं।
बिजली तथा हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा के विजन
सबके लिए बिजली तथा हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा के विजन को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने बीकानेर और नावा, डीडवाना, कुचामन में सौर परियोजनाओं सहित बिजली परियोजनाओं और पार्ट बी पावरग्रिड सिरोही ट्रांसमिशन लिमिटेड तथा पार्ट ई पावरग्रिड मेवाड़ ट्रांसमिशन लिमिटेड के विद्युत निकासी के लिए पारेषण प्रणालियों की आधारशिला रखी। वे बीकानेर में सौर परियोजना, पावरग्रिड नीमच से विद्युत निकासी के लिए पारेषण प्रणाली और बीकानेर परिसर से फतेहगढ़-।। पावर स्टेशन में परिवर्तन क्षमता के विस्तार सहित बिजली परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे, जो स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करेगी और कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी।
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राजमार्गों के उन्नयन और रखरखाव के लिए परियोजनाओं का शिलान्यास
प्रधानमंत्री ने राज्य में बुनियादी ढांचे, संपर्क सुविधा, बिजली आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवाओं और पानी की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए पूरे राजस्थान में 25 महत्वपूर्ण राज्य सरकार की परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित किया। इनमें 3,240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के 750 किलोमीटर से अधिक लंबाई के 12 राज्य राजमार्गों के उन्नयन और रखरखाव के लिए परियोजनाओं का शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित करना शामिल है। कार्यक्रम के तहत आगे विस्तार में अतिरिक्त 900 किलोमीटर नए राजमार्ग शामिल हैं।
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प्रधानमंत्री ने बीकानेर और उदयपुर में बिजली परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने राजसमंद, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, धौलपुर में नर्सिंग कॉलेजों का भी उद्घाटन किया, जो राज्य में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने झुंझुनू जिले में ग्रामीण जलापूर्ति और फ्लोरोसिस शमन परियोजना, अमृत 2.0 के अंतर्गत पाली जिले के 7 शहरों में शहरी जलापूर्ति योजनाओं के पुनर्गठन सहित क्षेत्र में विभिन्न जल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया।