छपरा। सारण जिले के रिविलगंज नगर पंचायत के दालदली बाजार मोहल्ला निवासी ज्योति सिंह राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में अपना नाम रोशन करेंगी।गोवा में आयोजित होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों में ज्योति सिंह का चयन लागोरी खेल के लिए हुआ है। लागोरी भारतीय संस्कृति का प्राचीन खेल है, जो भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है।
पांच से छह नवंबर को कैंपल स्पोर्ट्स विलेज के कैम्पल ओपन ग्राउंड में लागोरी प्रतियोगिता आयोजित किया जाएगा।इस संबंध में ज्योति सिंह ने बताया कि गोवा में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेल में पहली बार शामिल लागोरी खेल के लिए बिहार टीम का चयन किया गया।
उसमें बिहार की महिला टीम में सारण जिले से सिर्फ ज्योति सिंह का ही चयन किया गया है। बिहार टीम के सभी खिलाड़ी अभी से तीन माह पहले तक किसी ना किसी दूसरे खेल से जुड़े थे।
कोई कबड्डी, कोई फुटबाल तो क्रिकेट से जुड़ा था। इसमें से कई खिलाड़ी ऐसे हैं, जो पहली बार किसी खेल से जुड़े हैं। पहली बार में ही खिलाड़ियों ने नेशनल तक का सफर तय कर लिया है।
सरकार द्वारा भारतीय संस्कृति से जुड़े हुए खेलों को बढ़ावा देकर खिलाड़ियों का प्रोत्साहित किया गया है और इससे भारत के पारंपरिक खेलों को दुनिया के सामने लाने का सुनहरा अवसर प्राप्त होगा।लागोरी खेल भारत का पारंपरिक खेल है। इसे 37वें राष्ट्रीय खेल गोवा में शामिल किया गया है। लागोरी खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है, जिसमें सात पत्थर की लागोरी बनाई जाती है।
टीम का मकसद होता है कि उस लागोरी को गेंद से गिराया जाए, जिस टीम ने लागोरी को गिराया, उसी टीम को उसे वापस बनाना होता है।
वहीं, विरोधी टीम का मकसद गेंद मारकर टीम के खिलाड़ियों को आउट करना होता है। अगर खिलाड़ी सारे पत्थर एक के ऊपर एक लगा देते हैं तो टीम जीत जाती है। इसे अक्सर स्कूलों में बच्चे खेलते हैं, इसे पिट्टो या पिड्डू भी कहा जाता है।
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