गोपालगंज

सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर है ननद-भौजाई का कुआं, जहां हुआ था ननद- भौजाई के बीच झगड़ा

गोपालगंज। जिले के उचकागांव प्रखंड के असंदापुर गांव में स्थित ऐतिहासिक ननद-भौजाई का कुआं, जो एक समय स्थानीय और ऐतिहासिक महत्व का प्रतीक था, अब जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। यह कुआं वर्ष 1427 में चेरो वंश के शासनकाल में निर्मित हुआ था, जब असंदापुर गांव आनंदपुर शहर के रूप में जाना जाता था।

ननद ने रातों-रात अपने लिए कुएं के सामने एक नया कुआं बना दिया

कहानी के अनुसार, ननद और भौजाई के बीच हुए एक झगड़े के कारण, भौजाई ने अपने कुएं पर ननद को स्नान करने की अनुमति नहीं दी। नाराज ननद ने रातों-रात अपने लिए कुएं के सामने एक नया कुआं बना दिया। यह ऐतिहासिक स्थल अब सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा है, लेकिन उचित देखरेख के अभाव में यह अपना अस्तित्व खोने के कगार पर है।

यह ऐतिहासिक स्थल अब अपनी अंतिम सांसे गिन रहा

स्थानीय निवासी लक्ष्मण यादव ने बताया कि इस ऐतिहासिक कुएं के संरक्षण के लिए दो साल पहले पंचायत समिति की बैठक में हंगामा हुआ था। प्रशासन ने उस समय रख-रखाव का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए हैं। परिणामस्वरूप, यह ऐतिहासिक स्थल अब अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है।

स्थानीय लोगों और इतिहासकारों का मानना है कि इस कुएं को पुनः जीवन देने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि इस ऐतिहासिक धरोहर की देखरेख की जाती है, तो यह भविष्य में पर्यटन और सांस्कृतिक अध्ययन का एक महत्वपूर्ण स्थल बन सकता है।

सवाल यह है कि क्या स्थानीय प्रशासन और सरकारी एजेंसियां इस ऐतिहासिक स्थल की महत्ता को समझेंगी और इसे बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगी? समय का दवाब बढ़ता जा रहा है, और अगर अब भी ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह अमूल्य धरोहर हमेशा के लिए खो सकती है।

News Desk

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