रेलवे डेस्क। रेल मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) में रेलवे नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। कुल 777 किलोमीटर लंबी 12 नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है जिनकी लागत ₹69,342 करोड़ से अधिक होगी। इन परियोजनाओं में 8 नई लाइनों और 4 दोहरीकरण परियोजनाएं शामिल हैं।
अब तक मार्च 2025 तक 278 किलोमीटर लंबी रेल लाइन चालू हो चुकी है और ₹41,676 करोड़ का व्यय किया जा चुका है।
परियोजनाओं का सारांश (मार्च 2025 तक)
श्रेणी | परियोजनाओं की संख्या | कुल लंबाई (किमी) | कमीशन की गई लंबाई (किमी) | व्यय (करोड़ रुपये में) |
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नई लाइनें | 8 | 448 | 113 | 38,078 |
दोहरीकरण | 4 | 329 | 165 | 3,698 |
कुल | 12 | 777 | 278 | 41,676 |
बजट आवंटन में भारी वृद्धि
पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेलवे बजट में 2009-14 की तुलना में लगभग पांच गुना वृद्धि हुई है:
अवधि | वार्षिक व्यय (करोड़ रुपये में) |
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2009-14 | ₹2,122 |
2025-26 | ₹10,440 |
ट्रैक कमीशनिंग की प्रगति
अवधि | नया ट्रैक कमीशन (किमी) | औसत प्रति वर्ष (किमी) |
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2009-14 | 333 | 66.6 |
2014-25 | 1,840 | 167.27 |
चालू की गई प्रमुख परियोजनाएं
- बोगीबील पुल (92 किमी) – ₹5,820 करोड़
- अगरतला-सबरूम (112 किमी) – ₹3,170 करोड़
- रंगिया-मुर्कोंगसेलेक (510 किमी) गेज परिवर्तन – ₹3,019 करोड़
- लुमडिंग-बदरपुर-सिलचर (412 किमी) गेज परिवर्तन – ₹673 करोड़
- न्यू बोंगाईगांव-अगथोरी (143 किमी) दोहरीकरण – ₹2,048 करोड़
प्रमुख चालू परियोजनाएं
परियोजना | लंबाई (किमी) | लागत (करोड़ रुपये) |
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जिरीबाम-इम्फाल नई लाइन | 111 | ₹18,562 |
दीमापुर-कोहिमा नई लाइन | 82 | ₹6,911 |
भैरबी-सैरांग नई लाइन | 51 | ₹5,521 |
न्यू बोंगाईगांव-गुवाहाटी दोहरीकरण | 176 | ₹2,950 |
सरायघाट पुल दोहरीकरण | 7 | ₹1,478 |
गति शक्ति के अंतर्गत स्वीकृत 17 रेलवे सर्वेक्षण (1790 किमी)
- जुब्जा-इम्फाल (150 किमी)
- लंका-सिलचर वाया चंद्रनाथपुर (208 किमी)
- न्यू जलपाईगुड़ी-कामाख्या तीसरी-चौथी लाइन (421 किमी)
- चंद्रनाथपुर-अगरतला दोहरीकरण (244 किमी)
पूर्वोत्तर रेलवे (NER) पर स्वीकृत 17 परियोजनाएं
श्रेणी | परियोजनाओं की संख्या | कुल लंबाई (किमी) | चालू लंबाई (किमी) | व्यय (करोड़) |
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नई लाइन | 8 | 656 | 48 | ₹4,042 |
गेज रूपांतरण | 1 | 56 | 0 | ₹260 |
दोहरीकरण/मल्टीट्रैकिंग | 8 | 541 | 306 | ₹6,184 |
कुल | 17 | 1253 | 354 | ₹10,486 |
NER की कुछ पूर्ण परियोजनाएं
- गाज़ीपुर सिटी-तारीघाट नई लाइन (17 किमी) – ₹1,766 करोड़
- इंदारा-दोहरीघाट आमान परिवर्तन (34 किमी) – ₹213 करोड़
- लखनऊ-पीलीभीत आमान परिवर्तन (263 किमी) – ₹1,634 करोड़
महत्वपूर्ण चुनौतियां
रेलवे परियोजनाओं के निष्पादन में मुख्य रूप से भूमि अधिग्रहण, वन मंजूरी, स्थलाकृतिक स्थितियाँ, अतिक्रमण और कानून-व्यवस्था जैसी बाधाएं होती हैं, जो समय और लागत को प्रभावित करती हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेलवे अवसंरचना का यह उन्नयन न केवल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा।