
छपरा: बिहार के सारण जिले में एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। भेल्दी थाना क्षेत्र में एक महज चार वर्षीय निर्दोष बच्ची के साथ दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। इस जघन्य अपराध ने पूरे क्षेत्र में दहशत और रोष का माहौल बना दिया है।
घटना भेल्दी थानांतर्गत एक गांव की है, आरोपी रंजीत राय ने बच्ची को अकेला पाकर इस घिनौने अपराध को अंजाम दिया। बच्ची की हालत देखकर परिजनों ने तुरंत भेल्दी थाने पहुंचकर आरोपी के खिलाफ लिखित शिकायत (फर्द ब्यान) दर्ज कराई।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
परिजनों की शिकायत के आधार पर भेल्दी थाने में आईपीसी की संबंधित धाराओं (जिसमें बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम – POCSO अधिनियम भी शामिल है) और कांड संख्या 221/25 दर्ज किया गया। पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) संजय कुमार और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (मढ़ौरा) नरेस पासवान ने तुरंत मौके पर पहुंचकर पीड़िता के परिजनों से घटना के संबंध में विस्तृत जानकारी ली और जांच को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए संबंधित थानाध्यक्ष और जांच टीम को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
फॉरेंसिक जांच:
सबूतों को सुरक्षित करने और ठोस सबूत जुटाने के लिए घटनास्थल की जांच फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) की टीम द्वारा कराई गई। टीम ने संभावित सबूतों को जमा किया।
तकनीकी और मानवीय आसूचना
जांच के दौरान पुलिस ने तकनीकी साधनों और स्थानीय स्तर पर मानवीय आसूचना एकत्र की। इसी आधार पर आरोपी की पहचान और उसके संभावित ठिकानों का पता लगाया गया। सभी सबूतों और आसूचना के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी रंजीत राय को गिरफ्तार कर लिया है। उसे आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए थाने में रखा गया है।
पुलिस अब आरोपी से गहनता से पूछताछ कर रही है । पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है और उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है। पुलिस मामले को तेजी से आगे बढ़ाते हुए आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है, ताकि उसे कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।
यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि समाज में बच्चियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सामूहिक और कड़े कदमों की आवश्यकता है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से आशा जगी है कि पीड़िता को न्याय मिलेगा, लेकिन इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए समाजिक जागरूकता और कड़े कानूनी प्रावधानों के साथ-साथ उनके प्रभावी क्रियान्वयन की भी बहुत जरूरत है।