नेशनल डेस्क। हमारे समाज में ब्रिटिश काल में बने रेलवे के अनेक सामानों के मजबूती की नजीर देते आज भी लोग नहीं थकते हैं। परिवर्तन के कई दशक देखने के बाद आज भी रेलवे में कई ऐसे सामान नजर आते हैं जो बरबस हमारा ध्यान उस ओर खींचते हैं। ऐसे ही सामानों में शामिल है रेलवे में शुद्ध चमड़े से बना हुआ एक खास तरह का कैश बैग, जिसका उपयोग ब्रिटिश काल से स्टेशन पर यात्रियों के लेन-देने से आए पैसों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने व ले जाने में किया जाता रहा है। हालांकि, जल्द ही यह कैश बैग रेलवे के म्यूजियम का हिस्सा बनने वाला है।
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि पुराने समय में कैश यानि नगदी रखने के लिए चमड़े के एक खास तरह के बैग या थैले का इस्तेमाल किया जाता था। यह बहुत ही मोटे चमड़े से बनाया हुआ है। इसकी सिलाई इतनी मजबूती से की गई है कि कहीं से इसमें सिलाई खुलने व पैसे गिरने की गुंजाइश नहीं छोड़ी गई है।पहले स्टेशन मास्टर इसी बैग में पैसे-रुपये लेकर रेलवे के लेखाधिकारी के पास जमा करने जाते थे। इस बैग में पैसे रखे जाने के बाद रुपये-पैसे के बारिश में भी भींगने का डर नहीं रहता था। मऊ जंक्शन पर इस तरह के अब भी एक दर्जन से अधिक कैश बैग हैं।
एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि सब कुछ आनलाइन होने के बाद कैश बैग की उपयोगिता अब खत्म सी हो गई है। अब कैश तो इसमें नहीं रखा जाता, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण कागजात इसमें रखकर जरूर भेजे जाते हैं। पहले जब इसमें कैश भर कर जाता था तो लेखाधिकारी उसकी पावती भी इसी बैग में रखकर भेजा करते थे।
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