Railway Helpline: रेलवे का हेल्पलाइन 139 बना सफर में सुरक्षा और सुविधा की गारंटी, हर शिकायत का मिला समाधान
रेलवे हेल्पलाइन 139 बना यात्रियों की मददगार

छपरा। भारतीय रेलवे देश की जीवन रेखा है, जो प्रतिदिन करोड़ों यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुँचाने के साथ ही उन्हें एक सुरक्षित, सुविधाजनक और सहज यात्रा अनुभव देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। यात्रियों की समस्याओं, सुझावों और आवश्यकताओं का त्वरित समाधान रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।
इसी क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे का वाराणसी मंडल भी यात्री सेवा के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। मंडल ने रेल यात्रियों की सहायता के लिए उपलब्ध रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 के प्रचार-प्रसार और प्रभावी क्रियान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाई है। बीते वित्तीय वर्ष में मंडल पर दर्ज की गई 100% शिकायतों का निस्तारण सफलतापूर्वक किया गया, वहीं चालू वित्तीय वर्ष में अब तक प्राप्त सभी शिकायतों और सहायता अनुरोधों को भी समयबद्ध तरीके से निपटाया गया है।
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रेलवे हेल्पलाइन 139 बना यात्रियों की मददगार
रेलवे हेल्पलाइन 139 नंबर के माध्यम से यात्री यात्रा के दौरान सफाई, कैटरिंग, टिकटिंग, स्टेशन सुविधाएं, ट्रेन की समय-सारणी, पीएनआर स्टेटस, रिफंड प्रक्रिया, मेडिकल सहायता, ट्रेन की स्थिति, ट्रेन रद्द या विलंब संबंधी जानकारी समेत अन्य कई सेवाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह सेवा हिंदी, अंग्रेज़ी सहित कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे यात्रियों को अपनी मातृभाषा में सहायता लेना आसान होता है।
डिजिटल रूप से मॉनिटरिंग
रेल मदद पोर्टल के समन्वय से संचालित यह सेवा न सिर्फ स्मार्टफोन बल्कि सामान्य मोबाइल फोन पर भी उपलब्ध है और यह सभी मोबाइल नेटवर्क पर कार्य करती है। यात्रियों द्वारा की गई शिकायतों का डिजिटल रूप से मॉनिटरिंग कर त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा रहा है।
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रेलवे द्वारा यात्रियों को हेल्पलाइन 139 और रेल मदद पोर्टल की जानकारी देने के लिए विशेष जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, जिससे अधिक से अधिक यात्री इस सेवा का लाभ उठा सकें। यह अभियान “डिजिटल इंडिया” मिशन के अनुरूप आधुनिक तकनीक के सहारे रेल सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी मंडल के इस प्रयास से यह स्पष्ट है कि रेलवे सिर्फ यात्रा की सुविधा ही नहीं, बल्कि यात्री संतुष्टि और सेवा को प्राथमिकता देते हुए एक उत्तरदायी और तकनीक-संपन्न प्रणाली की ओर अग्रसर है।