
छपरा। पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल पर ऊर्जा संरक्षण को लेकर चल रहे सुनियोजित प्रयास अब रंग ला रहे हैं। मंडल ने सौर ऊर्जा जैसे गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के बड़े पैमाने पर उपयोग के साथ-साथ ऊर्जा दक्ष उपकरणों के प्रयोग से उल्लेखनीय बचत दर्ज की है।
वाराणसी मंडल के रेलवे स्टेशन भवनों, कार्यालयों, सर्विस बिल्डिंग्स, चिकित्सालयों, प्रशिक्षण केंद्रों, कोचिंग कॉम्प्लेक्स, कारखानों, विश्रामगृहों, प्रेक्षागृहों एवं समपार फाटकों आदि पर सोलर पैनल लगाए गए हैं। अप्रैल 2025 तक कुल 2253 किलोवाट क्षमता के रूफ टॉप सोलर पैनल स्थापित किए जा चुके हैं। इससे चालू वित्त वर्ष के अप्रैल माह तक 3.94 लाख यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन हुआ, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 2.59% अधिक है। इससे रेलवे राजस्व में लगभग ₹21,30,561 की बचत हुई है।




वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान मंडल द्वारा 519 किलोवाट अतिरिक्त क्षमता के सोलर पावर प्लांट स्थापित किए गए हैं। प्रमुख स्थलों पर लगे सोलर पैनलों की विवरणी इस प्रकार है:
- बनारस स्टेशन: 141 किलोवाट
- मऊ स्टेशन: 71 किलोवाट
- वाराणसी सिटी कोचिंग डिपो: 60 किलोवाट
- बलिया स्टेशन: 146 किलोवाट
- मसरख स्टेशन: 40 किलोवाट
- गोपालगंज स्टेशन: 35 किलोवाट
- थावे स्टेशन: 26 किलोवाट
इसके अतिरिक्त, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के मानकों के अनुरूप वाराणसी मंडल के अन्य स्टेशनों पर भी रूफ टॉप सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया तेजी से प्रगति पर है।
पूर्वोत्तर रेलवे का यह प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक सिद्ध हो रहा है, बल्कि रेलवे के ऊर्जा व्यय में भी महत्वपूर्ण बचत कर रहा है। आने वाले वर्षों में इस दिशा में और अधिक कार्य किए जाने की योजना है।
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