समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सलीम परवेज को अमेरिकन यूनिवर्सिटी से मिला डॉक्टरेट की मानद उपाधि

करियर – शिक्षा छपरा
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

छपरा।  यूएसए, न्यूयार्क की अमेरिकन ईस्ट कोस्ट यूनिवर्सिटी ने बिहार विधान परिषद के पूर्व उप सभापति सलीम परवेज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की है। बिहार मदरसा बोर्ड के निवर्तमान चेयरमैन और बिहार एथलेटिक्स संघ के प्रदेश अध्यक्ष सलीम परवेज को यह उपाधि समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया है। श्री परवेज को यूनिवर्सिटी के द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि मिलने पर दिल्ली सेंटर ने एक समारोह आयोजित कर सम्मानित किया।इस मौके पर यूनिवर्सिटी द्वारा प्रेषित रेड गाउन, कैप और हुड भी प्रदान किया गया। उन्हें फुल ड्रेस में सर्टिफिकेट और मेडल से नवाजा गया।

छात्र जीवन से ही समाज सेवा में अग्रणी भूमिका

ज्ञात हो कि श्री परवेज छात्र जीवन से ही समाज सेवा में अग्रणी भूमिका में रहते थे। 1983 में स्नातक करने के बाद वे सऊदी अरब इमारात चले गए। वहां उन्होंने अपनी मेहनत की बदौलत एनआरआई का दर्जा हासिल किया। अंतराष्ट्रीय स्तर पर व्यवसाय को फैलाया. इस सिलसिले में पूरी दुनिया की यात्रा की। 1994 से सारण में सक्रिय समाज सेवा में करने लगे। 1995 में इत्तेहाद कमेटी की स्थापना कर उसके माध्यम से गरीबों की शादी, चिकित्सीय सहायता, निःशुल्क नेत्र ऑपरेशन, एम्बुलेंस का संचालन, स्पोर्ट्स टूर्नामेंटों का आयोजन आदि कराया।

मंदिरों के निर्माण में भी आर्थिक सहयता किया

उन्होंने मस्जिद के साथ मंदिरों के निर्माण में भी आर्थिक सहयता किया। श्री परवेज ने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए विशेष कार्य किया। उन्हें जहां विजयादशमी समारोह का अध्यक्ष बनाया गया वहीं सारण जिला एथलेटिक्स संघ के साथ दर्जनों संस्थान के उच्च पदों पर मनोनीत हुए। पूर्व राष्ट्रपति कलाम के अच्छे और पढ़े लिखे लोगों को राजनीति में आना चाहिए के वक्तव्य से प्रभावित होकर 2009 में उन्होंने बसपा से लोक सभा चुनाव लड़ विधिवत राजनीति में पदार्पण किया।

उसके तत्काल बाद स्थानीय निकाय से जदयू ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया और वे विधान मंडल के उच्च सदन के सदस्य निर्वाचित हुए। 2011 में सरकार ने उन्हें विधान परिषद का उप सभापति बनाया। 2014 में जदयू के उम्मीदवार के रूप में लोक सभा का चुनाव भी लड़ा। उन्हें बिहार मदरसा बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया जो अभी विघटित है।