छपरा में 10 फरवरी से फाइलेरिया से बचाव के लिए चलेगा आईडीए अभियान, घर-घर जाकर खिलाई जाएगी दवा

छपरा
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• सदर अस्पताल में मास्टर ट्रेनरों को दिया गया प्रशिक्षण
• सामुदायिक जागरूकता के लिए चलेगा अभियान
•स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने खानी होगी दवा
•जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन

छपरा,17 जनवरी । फाइलेरिया नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। फाइलेरिया बीमारी से बचाव को लेकर सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम अभियान चलाया जाना है। अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा तैयारी की जा रही है। प्रखंड स्तर पर माइक्रो प्लान बनाया जा रहा है। जिले में सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देना है। इसको लेकर मंगलवार को छपरा सदर अस्पताल के जीएनएम स्कूल परिसर में मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। दो बैच में प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

पहले दिन 10 प्रखंड के स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों, बीएचएम, बीसीएम, भीबीडीएस को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया गया। सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा व डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह के द्वारा प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया गया।इस दौरान अभियान के दौरान दवा खिलाने की विधि, रिपोर्टिंग, निगरानी के बारे में विस्तार से बताया गया।

जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन:

डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि फ़ाइलेरिया की दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को नहीं खिलानी है। विदित हो कि अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा लोगों को दवा अपने सामने खिलाने की हिदायत दी गयी है ताकि दवा सेवन कार्यक्रम में एक भी व्यक्ति नहीं छूटे। दवा सेवन के उपरांत कुछ लोगों में उल्टी, सर दर्द, जी मचलाना जैसी शिकायतें हो सकती हैं जो स्वतः समाप्त हो जाती हैं। साथ ही दवा सेवन के बाद किसी भी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट के प्रबंधन के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन भी किया गया है।

पूरी तरह से सुरक्षित है दवा का सेवन:

सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि फ़ाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है जिससे बचाव का एकमात्र रास्ता दवा का सेवन करना है। फ़ाइलेरिया क्युलेक्स नाम के मच्छर के काटने से होता है। इसके कारण इंसान के शरीर के कई अंगों में सूजन आ जाती है और वह चलने फिरने में भी लाचार हो जाता । रोग की रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा साल में एक बार फ़ाइलेरिया की दवा सेवन के लिये सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाता है। फ़ाइलेरिया से ग्रसित व्यक्ति में लक्षण दिखाई देने में 10 से 15 वर्ष का समय लग सकता है। फ़ाइलेरिया की दवा पूरी तरह सुरक्षित है और इससे कोई नुकसान नहीं होता । इसलिए समुदाय के लोगों को आईडीए राउंड में दवा सेवन करने से संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आईडीए-फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्यों की प्राप्ति सभी लक्षित लोगों द्वारा शत-प्रतिशत दवा सेवन करने से होगा।

जन-जागरूकता पर होगा विशेष फोकस:

दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान जन जागरूकता के लिए अभियान चलाया जायेगा। इसके लिए रणनीति बनायी जा रही है। जिले के सभी मस्जिदों से दवा सेवन कार्यक्रम के प्रति जागरूक किया जायेगा। इसके साथ ही आईएमए के चिकित्सक भी इस अभियान में सहयोग करेंगे। सभी पर्ची पर दवा सेवन के प्रति जागरूक करेंगे। सहयोगी संस्थाओ के द्वारा भी सहयोग किया जायेगा। इस मौके पर सीएस डॉ सागर दुलाल सिन्हा, डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह, डीपीएम अरविन्द कुमार, भीबीडीसी सुधीर कुमार, केयर इंडिया के डीपीओ आदित्य कुमार, पीसीआई के आरएमसी सत्यप्रकाश समेत अन्य मौजूद थे।