Dowry lovers stop people from celebrating the birth of a daughter, who is a goddess in the society, at home Aradhana Shastri

समाज मे देवी स्वरुप बेटी के जन्म होने पर घर मे उत्सव मनाने से रोकता है दहेजलोभी: आराधना शास्त्री

छपरा बिहार
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छपरा। सदर प्रखंड के मुसेपुर परती के दुर्गा मन्दिर मे सप्त दिवसीय मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ समारोह मे चल रहे प्रवचन मंच से अयोध्या के प्रख्यात रामकथा वाचिका पूज्य आराधना शास्त्री ने पांचवे दिन मंगलवार रात्री मे जानकी विवाह की विवेचना की। अपने कथा मे उन्होने कहा कि एक तरफ जानकी के आगमन की खुशी और दूसरे तरफ जनकपुर से कन्या की विदाई के गम से विवाह समारोह मे वर पक्ष उत्साहित था तो कन्या पक्ष जानकी को जनकपुर छोडने के गम से मायूस।

अपने कथा से श्रोताओ को भावुक और आत्म विभोर कर वे नैतिक शिक्षा देने से भी नही चुकी।इसी क्रम मे पूज्य आराधना ने बेटियो के आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व के प्रति लोगो मे जागृति लाने का प्रयास किया।उन्होने हर संभव अपने अमृत मय वाणी श्रोताओ को आम मानव से महा मानव बनाने वाली बाते भी कहीं।

पूज्य आराधना ने कहा कि घर परिवार की जान है बेटी और ईश्वर का वरदान है बेटी।ऐसे बेटी के भाई व पिता से दहेज लोभियो को दहेज मांगते डर नही लगता।ऐसे लोभियो ने समाज मे देवी स्वरुप बेटी के उत्पन्न होने पर घर मे उत्सव मनाने से रोकता है बेटे के जन्म पर उत्सव मनाया जाता है और बेटी मे सायद ही किसी परिवार द्वारा उत्सव मनाया जाता है।अपने संगीतमय कथा भजन और नैतिक शिक्षा से उन्होने देर रात तक समा बांधे रखा।
12 घंटे तक लगातार परिक्रमा

मुसेपुर गांव के सन्तोष कुमार सिंह के बडे सुपुत्र मणिकान्त कुमार सिंह ने 12 घंटे तक माॅ को रिझाने के लिए अनावरत परिक्रमा किया।प्रातः काल से लेकर देर शाम तक श्रद्धापूर्वक पूजा-पाठ, परिक्रमा और झूला तथा मेले का आन्नद लेते देखे गए।