निक्षय मित्र बने सारण के जिलाधिकारी, टीबी के 5 मरीजों को लिया गोद

छपरा
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• मरीजों के इलाज तथा पोषण का रखेंगे ख्याल

• निक्षय मित्र बनकर टीवी मरीजों का सहयोग करें समाज के सक्षम लोग

छपरा। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत निक्षय मित्र योजना में सारण के जिलाधिकारी ने अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हुए 5 मरीजों को गोद लिया है। शुक्रवार को जिलाधिकारी राजेश मीणा ने अपने कार्यालय कक्ष में गोद लिए 5 और टीबी मरीजों के बीच पोषण सामग्री का वितरण किया। 6 माह तक टीबी के मरीजों को इलाज में सहयोग किया जाएगा। इस दौरान सभी टीबी के मरीजों के खानपान तथा दवा का ख्याल रखा जाएगा।हाल ही में देश में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान चलाया गया है।

इस अभियान को जन आंदोलन बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में निक्षय मित्र योजना से टीबी के खिलाफ जनभागीदारी सुनिश्चित करके अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि एक हजार रुपये तक की राशि के फूड बास्केट में टीबी मरीजों के लिए आटा, दाल, खाद्य तेल, चना, बादाम, अंडा, सोयाबीन, आदि शामिल किया गया है। इन टीबी मरीजों को यह फूड बास्केट अगले छह माह तक दिये जायेंगे।

इन मरीजों को लिया गोद:

जिलाधिकारी राजेश मीणा ने पांच टीबी के मरीजों को गोद लिया है। जिसमें छपरा शहर के दहियावां निवासी रजनी कुमारी, अंजु कुमारी, शिव बाजार निवासी कुंती देवी, माला निवासी अवधेश माझी, जान टोला निवासी बिंदु देवी शामिल है।

आर्थिक रूप से समृद्ध लोग निक्षय मित्र बन गरीब टीबी मरीजों की मदद करें :

डीएम ने कहा कि समाज का प्रत्येक सक्षम व्यक्ति टीबी रोगियों की सहायता के लिये नि-क्षय मित्र बनने का संकल्प लें और इस राष्ट्रीय अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सच्ची मित्रता निभायें। इस अभियान में सभी सरकारी विभागों, निर्वाचित प्रतिनिधियों, गैर सरकारी संगठनों और कॉपोर्रेट्स संस्थानों का सहयोग अपेक्षित है।

2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य:

राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 2025 तक जिले से टीबी का पूरी तरह से उन्मूलन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके लिए सरकार और विभाग अपने स्तर से पूरी तरह से प्रयासरत है। लेकिन, अब जरूरत है लोगों के जागरूक होने की। ताकि, टीबी के खिलाफ लड़ाई जीती जा सके। जिले के सभी सरकारों अस्पतालों में इसके इलाज को लेकर जांच तक की मुफ्त व्यवस्था है। साथ ही, दवाओं के साथ टीबी के मरीज को पौष्टिक भोजन के लिए पांच सौ रुपये प्रतिमाह सहायता राशि भी दी जाती है। इसके बावजूद देखा जा रहा है कि कुछ लोग इलाज कराने के लिए बड़े निजी अस्पताल या फिर बड़े शहर की ओर जाते हैं। फिर वहां से निराश होकर जिले के सरकारी अस्पतालों का चक्कर काटना पड़ता है। ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है। जैसे ही टीबी के बारे में पता चले तो पहले नजदीकी सरकारी अस्पताल ही जाएं। जिले में अब टीबी के इलाज के साथ मुकम्मल निगरानी और अनुश्रवण की व्यवस्था की जाती है।

निक्षय मित्र बनने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र से कर सकते हैं सम्पर्क:

निक्षय मित्र बनने के लिए अपने जिला यक्ष्मा केंद से संपर्क किया जा सकता है। निक्षय मित्र बनने के लिए communitysupport.nikshay. in पर लॉगिन कर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान पर क्लिक कर निक्षय मित्र रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर क्लिक कर कर अपनी पूरी जानकारी देकर इस अभियान से जुड़ा जा सकता है। इसके अलावा इस निक्षय हेल्प लाइन नंबर 1800116666 पर कॉल कर के विस्तृत जानकारी ली जा सकती है। वहीं निक्षय मित्र बनने के लिए टीबी से ग्रसित मरीजों की सहमति लेकर पोषण के लिए उन्हें सहायता उपलब्ध करानी होगी। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रत्नेश्वर प्रसाद, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह, डीपीएम अरविंद कुमार, डीपीसी टीबी हिमांशु शेखर समेत अन्य मौजूद थे।