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10 फरवरी से चलेगा फाइलेरिया से बचाव के लिए सर्वजन दवा सेवन अभियान
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सुक्रत्या मोबाइल ऐप और आईएचआईपी पोर्टल को लेकर दिया गया प्रशिक्षण
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बीसीएम और डाटा एंट्री ऑपरेटरों को दिया गया ट्रेनिंग
छपरा। जिले में दस फरवरी से सर्वजन दवा सेवन अभियान की शुरूआत की जायेगी। अभियान के तहत फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा खिलायी जायेगी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। एमडीए/आईडीए रांउड के दौरान सुक्रत्या मोबाइल ऐप के माध्यम से डेली रिपोर्टिंग की जायेगी। इसको लेकर सदर अस्पताल के जीएनएम भवन में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें सुक्रत्या मोबाइल ऐप और आईएचआईपी पोर्टल के बारे में प्रशिक्षण दिया गया।
अभियान की कुशल निगरानी के लिए ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण दैनिक प्रतिवेदन बेहद जरुरी है। इसके लिए विभागीय स्तर पर सुक्रत्या नामक एप्प को विकसित किया गया है। लेकिन इसकी दैनिक प्रतिवेदन गुणवत्ता पूर्ण सुनिश्चित करने के लिए प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक (बीसीएम) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसको लेकर जिले के सभी बीसीएम को प्रशिक्षित किया गया है। ताकि इस अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाया जा सके। क्योंकि एमडीए की शत प्रतिशत सफलता के लिए कार्यक्रम की सघन निगरानी बेहद जरुरी है।
सुक्रत्या मोबाइल ऐप पर जिला वेक्टर रोग सलाहकार सुधीर कुमार, डीएमएनई ब्रजेश कुमार और पिरामल के प्रोग्राम लीड अरविन्द पाठक के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। वहीं आईएचआईपी पोर्टल पर जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. रिया के द्वारा प्रशिक्षित किया गया। इस मौके जिला वेक्टर रोग सलाहकार सुधीर कुमार, डीएमएनई ब्रजेश कुमार, वीडीसीओ सतीश कुमार, पिरामल के प्रोग्राम लीड अरविन्द पाठक, सीफार के डीपीसी गनपत आर्यन , पिरामल के पीओ-सीडी पंकज कुमार समेत अन्य मौजूद थे।





एमडीए की दैनिक कवरेज का प्रतिवेदन ऐप पर होगा अपलोड:
जिला वेक्टर रोग सलाहकार सुधीर कुमार ने बताया कि सबसे अहम बात यह है कि बूथ रणनीति के तहत पहले 3 दिनों तक बूथ लगाकर एवं इसके बाद 14 दिनों तक आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा घर- घर जाकर दवा खिलाई जाएगी। इस तरह अब 17 दिनों तक सभी लोगों को दवा का सेवन कराया जाएगा। जिसको जिले के सभी प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक (बीसीएम) अतिमहत्वपूर्ण कार्यक्रम एमडीए की दैनिक कवरेज का प्रतिवेदन उक्त एप्प के माध्यम से सुनिश्चित करेंगे। क्योंकि इसको ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एमडीए कार्यक्रम की दैनिक कवरेज से संबंधित प्रतिवेदन के लिए SukRtya App (सुक्रत्या एप्प) को विकसित किया गया है।
फाइलेरिया से संबंधित डेटा का बनेगा रिकार्ड:
जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. रिया ने बताया कि अभी तक फाइलेरिया से संबंधित चलाये जा रहे सभी कार्यक्रम की रिपोर्ट सिर्फ कागज में ही रखी जाती थी। इस कारण कोई रिकार्ड उपलब्ध कराने में काफी परेशानी होती थी। अब फाइलेरिया को भी सरकार काफी गंभीरता से ले रही है। अब जो भी कार्यक्रम चलाए जाएंगे उसका ऑनलाइन रिकार्ड बनेगा। ताकि किसी समय किसी भी डेटा की जानकारी महज एक क्लिक पर ही उपलब्ध हो जाए। आईएचआईपी पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोड करने से संबंधित जानकारी देने के लिए सभी डाटा ऑपरेटर को प्रशिक्षण दिया गयाहै। प्रत्येक साल होने वाले नाइट ब्लड सर्वे का रिपोर्ट अपलोड किया जाना है। हर साल चलने वाला एमडीए कार्यक्रम के दौरान कितने लोग दवा खाए, कौन-कौन इंकार किए या किसी को साइड इफेक्ट होता है तो उसकी रिपोर्ट प्रति दिन अपलोड होनी है। इसके अलावा फाइलेरिया कार्यक्रम के कवरेज का भी रिपोर्ट अब ऑनलाइन होगा।
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