छपरा। ट्रेन में सहयात्री बन कर बच्चा चोर गिरोह के शातिर तौर-तरीके का पता चला है, जिससे एकबारगी कोई भी झांसे में आ जाए और उसे ही हमदर्द समझने की भूल कर बैठे। शनिवार की रात इसी तरह चलती वाराणसी इंटरसिटी ट्रेन से सारण जिले के गड़खा थाना क्षेत्र के बीबीपुर निवासी संजीव कुमार दीक्षित के 10 वर्षीय पुत्र अंश कुमार उर्फ लड्डू का अपहरण कर लिया गया।
संजीव कुमार दीक्षित ने इस बारे में मऊ जीआरपी को आवेदन दिया, लेकिन इसकी पावती नहीं दी गई। इसके बाद स्वजन ने गोरखपुर के रेल एसपी एवं पीएमओ को ऑनलाइन आवेदन कर इसकी शिकायत की है। सहयात्री बन जीआरपी थाने तक साथ गए संदिग्ध व्यक्ति ने स्वयं के भी बच्चे के गायब होने की बात कह कर संजीव से सूचना के आदान-प्रदान की बात कह कर उनका मोबाइल नंबर ले लिया।
इसके बाद 20 अप्रैल की रात में एक अनजान नंबर से आठ से 10 बार संजीव के मोबाइल पर कॉल करके धमकाया कि वह पुलिस के पास नहीं जाए। बच्चा बलिया में दिला देंगे। सदात एवं दुल्हपुर स्टेशन के बीच हुई इस घटना से पूरा परिवार हतप्रभ है। इसके बाद संजीव सपरिवार छपरा लौटे और स्वजन को जानकारी दी।
संजीव कुमार दीक्षित के रिश्तेदार पंकज कुमार मिश्रा ने बताया कि जीआरपी के सहयोग से सदात-दुल्हपुर के बीच के सभी स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल की गई लेकिन बच्चे का पता नहीं चल सका।
बताया कि 20 अप्रैल को संजीव पत्नी प्रीति देवी एवं अन्य रिश्तेदार के साथ बीएचयू अस्पताल में उपचार करा कर वाराणसी इंटरसिटी ट्रेन से छपरा लौट रहे थे। बोगी में आठ से 10 यात्री ही थे। इस दौरान दंपती को झपकी आ गई। ट्रेन रात लगभग आठ बजे सदात पहुंची तो प्रीति की नींद टूटी।
बर्थ पर पुत्र को नहीं देखा, तो शोर मचाते हुए बच्चे की खोजबीन करने लगे, इतने में एक सहयात्री भी उनके पास आकर शोर मचाने लगा कि उसका भी बच्चा गायब हो गया है। वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा। ये लोग कुछ समझ नहीं पाए। उस व्यक्ति ने संजीव से उनका मोबाइल नंबर भी ले लिया।
मऊ स्टेशन पर ट्रेन रुकने पर संजीव ने जीआरपी में आवेदन दिया। कुछ देर वह व्यक्ति भी इनके साथ था। इसके बाद वह चला गया और मोबाइल पर कॉल कर धमकी दी।
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