छपरा।छपरा शहर के मुकरेड़ा में स्थित सुप्रसिद्ध शिक्षण संस्थान विवेकानंद इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस के उपलक्ष्य में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यालय के नन्हे मुन्ने बच्चों ने पूर्ण सहभागिता निभाई। विद्यालय के इन बच्चों ने इस अवसर पर एक से बढ़कर एक पेपर बैग एवं प्रदूषण मुक्त प्लास्टिक से बने थैले का प्रोजेक्ट तैयार किया, जो लोगों में एक विशेष संदेश देने का कार्य किया तथा लोगो को सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैग से होने वाले जानलेवा नुकसान से बचने हेतु प्रेरित किया। इस कार्यक्रम हेतु बच्चों को उनके कार्य में उनके अभिभावकों एवं उनकी वर्गशिक्षिकाओं का विशेष योगदान रहा। सभी कक्षाओं के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बच्चों को प्रदूषण मुक्त भारत बनाने हेतु प्लास्टिक बैग के अनियंत्रित प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने हेतु संदेश दिया। उन्होंने यह भी बताया कि प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल लोग सिर्फ़ एक बार करते हैं और फिर उसे फेंक देते हैं, जिसे विघटित होने में लगभग 100 से 500 वर्ष लगते हैं, जो कि हमारे जन जीवन के लिए घातक है।
इसके अतिरिक्त प्लास्टिक बैग हमारे ग्रह के लिए एक बड़ी समस्या बने हुए हैं। हर साल, 8 मिलियन मीट्रिक टन प्लास्टिक समुद्र में जाता है, जिससे मछलियों और वन्यजीवों को नुकसान पहुँचता है। जब प्लास्टिक खाद्य श्रृंखला में प्रवेश करता है, तो यह मानव स्वास्थ्य को भी अत्यधिक नुकसान पहुँचा सकता है। विद्यालय की प्राचार्या महोदया ने इस मौके पर लोगों को बताया कि प्लास्टिक किस कदर हमारी सेहत और पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है, इसके बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 3 जुलाई को International Plastic Bag Free Day मनाया जाता है। यह दिन कई मायनों में बहुत ही खास है। हम सभी को प्लास्टिक पॉल्यूशन के गंभीर खतरों के बारे में जानना बहुत जरूरी है। यह हमारे वर्तमान को तो खराब कर ही रहा है, साथ ही आने वाले जनरेशन को भी प्रभावित कर सकता है। आज कपड़ों से लेकर ब्यूटी प्रोडक्ट्स और पैकेजिंग तक में प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है।
विद्यालय के निदेशक डॉ० राहुल राज ने भी इस सुअवसर पर बच्चों की प्रतिभा को प्रशंसित करते हुए अपने मन्तव्यों में कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी हुई चीजें हमारे जलाशयों को दूषित करने का काम करती हैं। प्लास्टिक बैग फ्री को विश्व स्तर पर मनाने के पीछे एकमात्र उद्देश्य लोगों को इसके खतरों से वाकिफ कर उन्हें इसके इस्तेमाल से रोकना है। बहुत छोटी- छोटी कोशिशों से आप प्लास्टिक को अपने लाइफस्टाइल से आउट कर खुद ही सुरक्षित रह सकते हैं और पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकते हैं। जिसकी शुरुआत प्लास्टिक की जगह कपड़ों या कागज की थैली से करें। पूरे विद्यालय परिवार के सदस्यों ने इस उपलक्ष्य में प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने का संकल्प लिया।।
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