छपरा

परमात्मा के साथ आत्मा का संबंध होना ही आध्यात्मिक सशक्तिकरण के लिए आवश्यक

छपरा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय छपरा द्वारा आयोजित शहर के आशीर्वाद पैलेस में “स्वच्छ और स्वस्थ समाज के लिए आध्यात्मिक सशक्तीकरण” विषयक को लेकर एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन काशी से आए कलाकारों द्वारा गंगा आरती से किया गया।

आगत अतिथियों का स्वागत बुके और शॉल देकर स्थानीय इकाई की बीके अनामिका दीदी और बक्सर से आई बीके रानी दीदी द्वारा किया गया। वही मंच संचालन बीके अविनाश भाई ने किया जबकि अध्यक्षता बीके अनामिका दीदी ने किया। कार्यक्रम के दौरान वाराणसी से आई टीम और छपरा की बेटी कुमारी सोनाली गुप्ता ने भाव नृत्य की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के अंत में डॉ अंजली सिंह द्वारा अतिथियों सहित बीके भाई और बहनों के बीच तुलसी पौधा का वितरण किया गया।

इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रखर वक्ता बीके सूरज भाई, राजयोगिनी गीता दीदी, छपरा विधायक डॉ सीएन गुप्ता, बीके माधुरी बहन,
बीके अरविंद भाई, बीके विवेकानंद भाई, संगीत शिक्षिका प्रियंका कुमारी, बीके राजा भाई, बीके दीपू भाई, बीके बंटी भाई, बीके प्रकाश भाई, सचिन और प्रिंस भाई, बीके कांति बहन, बीके पुष्पा बहन, बीके कविता बहन, बीके पूनम बहन, बीके आराधना बहन सहित सैकड़ों बीके भाई और बहनों उपस्थित रही।

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आध्यात्मिक मूल्यों के प्रचार- प्रसार द्वारा वैश्विक स्तर पर बंधुत्व को शक्ति प्रदान करने का अमूल्य प्रयास: बीके सूरज भाई
अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रख्यात प्रखर वक्ता बीके सूरज भाई ने ब्रह्मा कुमारी द्वारा आयोजित ‘स्वच्छ और स्वस्थ समाज के लिए आध्यात्मिक सशक्तीकरण’ कार्यक्रम समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आध्यात्मिक सशक्तीकरण ही वास्तविक सशक्तीकरण होता है। जब किसी धर्म और पंथ के मानने वाले अध्यात्म के आधार से हट जाते हैं तो वह धर्मान्धता का शिकार होने के साथ ही अस्वस्थ मानसिकता से ग्रस्त हो जाते हैं, उसके बाद ही आध्यात्मिक मूल्य सभी धर्मों के लोगों को एक- दूसरे से जोड़ते हैं। स्वार्थ से ऊपर उठकर लोक- कल्याण की भावना से कार्य करना, आंतरिक आध्यात्मिकता की सामाजिक अभिव्यक्ति है। लोक- हित यानी परोपकार करना सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक मूल्यों में से एक है। ऐसे वातावरण में ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा 145 से अधिक देशों में अनेक केंद्रों के माध्यम से मानवता के सशक्तीकरण का प्रभावी मंच उपलब्ध कराया है। क्योंकि यह संस्थान आध्यात्मिक मूल्यों के प्रचार- प्रसार द्वारा वैश्विक स्तर पर बंधुत्व को शक्ति प्रदान करने का अमूल्य प्रयास है।

परमात्मा के साथ आत्मा का संबंध होना ही आध्यात्मिक सशक्तिकरण के लिए आवश्यक: राजयोगिनी गीता दीदी
राजयोगिनी गीता दीदी ने कहा कि जिस तरह से आसमान में सभी तारे एक साथ मिल जुलकर रहते हुए चमकते हैं, ठीक उसी प्रकार हम लोगों को भी अपना जीवन बनाना है। इसके लिए आपस भी सभी भाई- बहनें मिल- जुलकर आपसी प्रेम- स्नेह से रहने का प्रयास करें। ताकि आपका धारणायुक्त जीवन देखकर दूसरे लोग कर्मों से प्रेरणा लेकर खुद को बदल सकें। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य यही रहता है कि संस्थान की सेवाओं को और दुरुस्त और समाजोपयोगी कैसे बनाया जाए। साथ ही समाज के प्रत्येक वर्ग तक आध्यात्मिक ज्ञान को कैसे सरल और सहज रीति से पहुंचाया जाए। हमें मन का प्रदूषण रोकना चाहिए, बाकी के प्रदूषण अपने आप स्वतः बंद हो जाएगा। परमात्मा के साथ आत्मा का संबंध होना ही आध्यात्मिक सशक्तिकरण के लिए आवश्यक है। क्योंकि शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य की आवश्यकता आजकल बहुत है।

ब्रह्माकुमारी संस्था किसी भी जाति, धर्म या पंथ का अनादर नहीं बल्कि आध्यात्मिक शिक्षा का प्रकाश फैलाने का करती है कार्य: विधायक

इस अवसर पर छपरा सदर के भाजपा विधायक डॉ सीएन गुप्ता ने कहा कि विश्व का इतिहास साक्षी है कि आध्यात्मिक मूल्यों का तिरस्कार से केवल भौतिक प्रगति का मार्ग अपनाना अंततः विनाशकारी ही सिद्ध हुआ है। स्वच्छ मानसिकता के आधार पर ही समग्र स्वास्थ्य संभव होता है। सही अर्थों में स्वस्थ व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों आयामों पर खरा उतरता है। ऐसे व्यक्ति स्वस्थ समाज, राष्ट्र और विश्व समुदाय का निर्माण करते हैं। विश्व के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय सदैव आध्यात्मिक मूल्यों पर आधारित रहा हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि उपवास करना भी एक तरह से चिकित्सा है। जो साफ सफाई के साथ रहता है, वही स्वच्छ और स्वस्थ है। इसलिए संपन्न और संपूर्ण बनने के लिए हमें कार्यरत रहना चाहिए। ब्रह्माकुमारी संस्था किसी भी धर्म जाति और पंथ का अनादर या भेदभाव नहीं करती है, बल्कि समाज के सभी वर्गों को आध्यात्मिक शिक्षा देने के लिए सेवा कर रही है।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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