
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पार्टी की विचारधारा और संगठनात्मक अनुशासन के खिलाफ काम करने वाले नेताओं पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने बड़ी कार्रवाई की है। रविवार को पार्टी ने 5 और नेताओं को निष्कासित कर दिया। इसके साथ ही पिछले दो दिनों में पार्टी से बाहर किए गए नेताओं की कुल संख्या 16 हो गई है।
जेडीयू के प्रदेश महासचिव चंदन कुमार सिंह ने इस संबंध में पत्र जारी करते हुए बताया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों और संगठनात्मक आचरण के खिलाफ काम करने के आरोप में इन नेताओं की प्राथमिक सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है।
आज निष्कासित किए गए नेताओं में ये नाम शामिल
- नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल, विधायक, गोपालपुर (भागलपुर)
- हिमराज सिंह, पूर्व मंत्री, कदवा (कटिहार)
- संजय श्याम सिंह, पूर्व एमएलसी, गया
- महेश्वर प्रसाद यादव, पूर्व विधायक, गायघाट (मुजफ्फरपुर)
- प्रभात किरण, गायघाट (मुजफ्फरपुर)
गोपाल मंडल को लेकर यह कार्रवाई खास चर्चा में है, क्योंकि वे लंबे समय से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते रहे हैं और अपने बयानों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहे हैं।
शनिवार को 11 नेताओं पर हुई थी कार्रवाई
इससे एक दिन पहले, शनिवार (25 अक्टूबर) को जेडीयू ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त 11 नेताओं को भी पार्टी से निकाल दिया था। इनमें पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और पूर्व विधान पार्षद शामिल हैं। निष्कासित नेताओं के नाम इस प्रकार हैं—
- शैलेश कुमार, पूर्व मंत्री, जमालपुर (मुंगेर)
- संजय प्रसाद, पूर्व एमएलसी, चकाई (जमुई)
- श्याम बहादुर सिंह, पूर्व विधायक, बड़हरिया (सीवान)
- रणविजय सिंह, पूर्व एमएलसी, बड़हरा (भोजपुर)
- सुदर्शन कुमार, पूर्व विधायक, बरबीघा (शेखपुरा)
- अमर कुमार सिंह, साहेबपुर कमाल (बेगूसराय)
- डॉ. आसमा परवीन, महुआ (वैशाली)
- लब कुमार, नवीनगर (औरंगाबाद)
- आशा सुमन, कदवा (कटिहार)
- दिव्यांशु भारद्धाज, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)
- विवेक शुक्ला, जिरादेई (सीवान)
निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ने वालों पर भी गिरी गाज
जेडीयू नेतृत्व का कहना है कि कई नेताओं ने पार्टी में रहते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था, जो सीधा अनुशासनहीनता और पार्टी लाइन के खिलाफ कदम है। इसे गंभीर मानते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
चुनावी मौसम में सख्त रुख
बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान जेडीयू लगातार अपनी छवि को मज़बूत करने और बागियों पर नियंत्रण बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी ने साफ संकेत दिया है कि संगठनात्मक अनुशासन से समझौता किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं होगा।
जेडीयू सूत्रों के अनुसार, “जो भी नेता पार्टी के घोषित प्रत्याशियों के खिलाफ काम कर रहे हैं या पार्टी छोड़कर निर्दलीय रास्ता अपना रहे हैं, उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई जारी रहेगी।”



