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Road Development: 11 हजार 614 करोड़ रूपये से बदली सूबे के ग्रामीण सड़कों की तस्वीर

36 हजार 800 किलोमीटर से अधिक ग्रामीण सड़कों का हो चुका है कायाकल्प

पटना। बिहार में गांव की गलियों से लेकर खेत-खलिहानों को राज्य की प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली सड़कें विकास की नई राहें तय कर रही हैं। बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति-2018 के तहत राज्य के ग्रामीण इलाकों की कुल 16,171 सड़कों की, जिसकी कुल लम्बाई 40,259.355 किलोमीटर है, की मरम्मति और रख-रखाव का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसमें अबतक कुल 15,169 सड़कों की, जिसकी कुल लम्बाई 36,894.565 किलोमीटर है, का कायाकल्प किया जा चुका है।

गांव के लोगों को यह सड़कें बाजार, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज और रोज़गार तक पहुंचने का सुगम मार्ग उपलब्ध करा रही हैं। इस योजना के तहत कुल 16,171 सड़कों की मरम्मति की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। जिनकी कुल लंबाई 40,259 किलोमीटर है। इन सड़कों के रख-रखाव और कायाकल्प के लिए बिहार सरकार द्वारा 20 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि खर्च की जा रही है।

इनमें से 15,169 ग्रामीण सड़कों की मरम्मती का काम पूरा किया जा चुका है, जिनकी कुल लंबाई 36,894 किलोमीटर बताई गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिशा-निर्देश के तहत बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति-2018 का उद्देश्य केवल ग्रामीण सड़कों का निर्माण करना ही नहीं, बल्कि उन्हें लंबे समय तक दुरुस्त बनाए रखना भी है।

हर मौसम में लोग कर सकेंगे इन सड़कों का उपयोग

इस कार्यक्रम के तहत राज्य की ग्रामीण सड़कों और पुलों का नियमित रख-रखाव किया जा रहा है, ताकि सालों भर हर मौसम में गांव के लोग इन सड़कों से आसान सफर तय कर सकें। ये ग्रामीण सड़कें किसानों के फसल को नए-नर बाजार उपलब्ध करा रहे हैं। कभी नदी पार कर स्कूल जाने वाले बच्चे अब साइकिल से अपने स्कूल तक का सफर आसानी से तय कर रहे हैं।

इतना ही नहीं, अब ग्रामीणों को बीमार पड़े लोगों को खाट पर लिटाकर कच्चे रास्तों से होकर अस्पतालों तक नहीं पहुंचाना पड़ता है। बाढ़ या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा की स्थिति में इन ग्रामीण सड़कों के माध्यम से लोगों तक राहत पहुंचाना भी अब आसान हो गया है। राज्य में ग्रामीण सड़कों का चेहरा बदलने से बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का जीवनस्तर भी लगातार बेहतर हुआ है।

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सबसे अधिक पूर्वी चंपारण में बदली है ग्रामीण सड़कों की सूरत

अनुरक्षण यानी सड़कों की मरम्मति के मामले में राज्य का पूर्वी चंपारण जिला सबसे आगे है। यहां चयनित कुल 957 सड़कों में 909 सड़कों की मरम्मती का काम पूरा कर लिया गया है। जिसकी कुल लम्बाई 2,389.245 किलोमीटर है। इसके बाद दूसरे नंबर पर मुजफ्फरपुर जिला है। मुजफ्फरपुर जिले की कुल 718 सड़कों में 664 सड़कों की मरम्मती का काम पूरा हो चुका है। मुजफ्फरपुर में कुल 1861.527 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों की मरम्मती का लक्ष्य तय किया गया था। जिसके विरुद्ध 1703.797 किमी सड़क की मरम्मती का काम पूरा कर लिया गया है।

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ग्रामीण सड़कों के कायाकल्प के मामले में पश्चिम चंपारण जिला तीसरे स्थान पर है। यहां कुल 617 ग्रामीण सड़कों को चकाचक करने का लक्ष्य निर्धारित था। जिसकी कुल लम्बाई 2091.32 किमी है। इस लक्ष्य के विरुद्ध 598 सड़कों का कायाकल्प किया जा चुका है। जिसकी कुल लम्बाई 1996.312 किमी है। इसके अलावा सारण में 1,589.385 किमी, समस्तीपुर में 1,405.385 किमी, गयाजी में 1,382.063 किमी और वैशाली 1,359.22 किमी हैं।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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