क़ृषिछपरा

Fishing Ban In Chhapra: सारण में मछलियों को मिला ‘मैटरनिटी लीव’, 1 जुलाई से शिकार पर पाबंदी!

जलीय जीव संरक्षण को लेकर बड़ा फैसला, व्यापार और परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध

छपरा। जैव विविधता के संरक्षण और मछलियों की प्रजनन प्रक्रिया को बनाए रखने के उद्देश्य से सारण जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिलाधिकारी अमन समीर के निर्देश पर जिला मत्स्य पदाधिकारी प्रदीप कुमार के द्वारा आदेश जारी किया गया है, जिसके तहत 1 जुलाई से 31 अगस्त तक जिले की सभी नदियों, तालाबों और जलाशयों में मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

Creta और Kia Seltos को टक्कर देने आ रही New Tata Blackbird 2026 SUV, पोर्टफोलियो में Tata Harrier के बाद ब्लैकबर्ड का नंबर कीमत भी बजट में

प्रजनन काल में रोक जरूरी

मत्स्य पदाधिकारी ने जानकारी दी कि 15 जून से 31 अगस्त तक का समय मछलियों के प्राकृतिक प्रजनन काल का होता है। इस दौरान यदि मछलियों का शिकार किया जाए, तो उनके जीवन चक्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे न केवल उनकी आबादी घटती है, बल्कि जलीय पारिस्थितिकी तंत्र भी प्रभावित होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह प्रतिबंध लगाया गया है।

advertisement

उपकरणों के इस्तेमाल पर सख्ती

प्रतिबंध केवल मछली पकड़ने तक सीमित नहीं रहेगा। मछली पकड़ने में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों पर भी रोक लगाई गई है।

advertisement
  • महीन जाल (Fine Net) का उपयोग पूरी तरह वर्जित रहेगा।
  • 2 इंच से 10 इंच तक की लंबाई वाली मछलियों के शिकार पर भी रोक है, जिससे युवा मछलियां सुरक्षित रहें और समय आने पर प्रजनन कर सकें।
  • जलाशयों और नदियों में केमिकल के प्रयोग पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। केमिकल से न केवल मछलियां मरती हैं, बल्कि अन्य जलीय जीवों और जल की गुणवत्ता पर भी विपरीत असर पड़ता है।

Innova और Ertiga का खेल खत्म करने महिंद्रा ने लांच की New Mahindra Bolero 4X4, Adas फीचर्स तगड़े माइलेज के साथ मार्केट में जमायेगी रोला

मछली परिवहन और व्यापार भी प्रतिबंधित

जिला प्रशासन ने साफ किया है कि यह प्रतिबंध मछली के परिवहन और व्यापार पर भी प्रभावी रहेगा। इस दौरान यदि कोई मछलियों को बेचता, लाता या ले जाता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ जलीय जीव संरक्षण अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

निगरानी को लेकर खास पहल

इस आदेश के सफल क्रियान्वयन को लेकर विभागीय निगरानी टीमें गठित की गई हैं जो जिले भर के जल स्रोतों पर नियमित गश्त करेंगी। अवैध शिकार और व्यापार की सूचना पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

मछुआरों से सहयोग की अपील

जिला प्रशासन ने जिले के मछुआरों, मछली व्यवसायियों और संबंधित जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की है। प्रशासन का कहना है कि यह कदम मौसमी नहीं, बल्कि स्थायी जैव संरक्षण के लिए उठाया गया है। यदि इस अवधि में मछलियों को सुरक्षित रहने दिया जाए, तो भविष्य में मछलियों की संख्या और गुणवत्ता दोनों में सुधार देखने को मिलेगा, जिससे मछुआरों की आजीविका भी दीर्घकाल में मजबूत होगी।

BSUSC Result 2025: छपरा की बहू डॉ. ऋचा सिंह ने BSUSC में मारी बाजी, पूरे बिहार में हासिल किया छठा स्थान

सारण जिला प्रशासन का यह फैसला न केवल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था और भविष्य की खाद्य सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। इस दौरान यदि सभी पक्ष मिलकर सहयोग करें, तो सारण आने वाले वर्षों में जलीय जैव विविधता के संरक्षण का आदर्श उदाहरण बन सकता है।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

Related Articles

Back to top button