छपरा

छपरा में 77 साल पुराना रामदरबार अब टूटेगा, डबल डेकर पुल निर्माण की भेंट चढ़ेगी ऐतिहासिक प्रतिमा

1948 से छपरा में खड़ा था आस्था का स्तंभ

छपरा। शहर के मौना पकड़ी से मौना नीम के बीच बनने वाले डबल डेकर फ्लाईओवर ने छपरा की एक ऐतिहासिक और भावनात्मक धरोहर को संकट में डाल दिया है। शहर की पूर्वी सीमा पर स्थित 77 वर्ष पुरानी रामदरबार प्रतिमा अब इस निर्माण परियोजना की भेंट चढ़ने जा रही है। यह प्रतिमा स्वर्गीय रामवतार साह के आवास की रेलिंग पर बनी थी और वर्षों से छपरा में प्रवेश करने वाले लोगों के लिए एक धार्मिक और भौगोलिक संकेत बन चुकी थी।

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एक लैंडमार्क जो अब अतीत बन जाएगा


1948 में निर्मित यह प्रतिमा भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, बजरंगबली और महर्षि वाल्मीकि के संयुक्त स्वरूप को प्रदर्शित करती है। इसके ऊपर एक सुंदर छतरी भी बनी है जो इसे एक मंदिर जैसा स्वरूप प्रदान करती है। घर के पूर्वजों की श्रद्धा और आस्था का प्रतीक यह मूर्ति अब डबल डेकर फ्लाईओवर के निर्माण कार्य के कारण टूटने के कगार पर है।

डबल डेकर पुल के लिए सड़क के दोनों ओर मकानों को चिन्हित कर प्रशासन द्वारा मुआवजा दिया गया है। साथ ही घरों को तोड़ने के लिए अल्टीमेटम भी जारी किया गया है। इसी क्रम में रामवतार साह के वंशज अब अपने मकान को खुद ही ध्वस्त कर रहे हैं, जिससे रामदरबार की यह प्रतिमा भी टूट जाएगी।

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भावनात्मक जुड़ाव, लोगों की गुहार


स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह प्रतिमा केवल एक धार्मिक मूर्ति नहीं है, बल्कि छपरा की सांस्कृतिक और भावनात्मक पहचान रही है। अतीत में जब पूर्वी दिशा से बसें शहर में प्रवेश करती थीं, तो यात्रियों को यह मूर्ति देखकर पता चलता था कि वे छपरा पहुंच चुके हैं। रात के अंधेरे में इसकी छाया और आभा एक विशेष पहचान बन चुकी थी।

अब, जब मकान गिराया जाएगा, तो यह प्रतिमा भी टूट जाएगी। परिवार के सदस्यों ने इसे विसर्जित करने का विचार किया, लेकिन चूंकि यह प्रतिमा सीमेंट और मजबूत कंक्रीट से बनी है, इसलिए पारंपरिक विसर्जन संभव नहीं है।

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संरक्षण की मांग, प्रशासन से अपील


स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं की मांग है कि यदि प्रशासन या पुल निर्माण एजेंसी चाहें, तो इस मूर्ति को तकनीकी तरीके से सुरक्षित ढंग से हटाकर किसी सार्वजनिक स्थल—जैसे नगर निगम परिसर, मंदिर प्रांगण या छपरा जंक्शन परिसर—में पुनर्स्थापित किया जा सकता है। इससे एक धार्मिक धरोहर संरक्षित रह जाएगी और लोगों की भावनाएं भी आहत नहीं होंगी।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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