विश्व मलेरिया दिवस: किसी आयु वर्ग के लोग मलेरिया से हो सकते हैं पीड़ित -बचाव के लिए चलेगा जागरूकता कार्यक्रम

छपरा
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• मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का करें प्रयोग
• घर के आसापस बहने वाली नाले की साफ-सफाई जरूरी

छपरा,24 अप्रैल। मंगलवार 25 अप्रैल को जिलेभर में विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाएगा। लोगों को मलेरिया से बचाव सहित इसके कारण, लक्षण एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। साथ ही सामुदायिक स्तर पर लोगों को इससे बचाव के लिए जागरूक भी किया जाएगा। इस दौरान जिलेभर में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा अन्य माध्यमों से भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। जिसके सफल संचालन सुनिश्चित कराने को लेकर अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम) ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए हैं।

विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम कराने का निर्देश प्राप्त हुआ है। जिसके सफल संचालन के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने पदाधिकारी और कर्मियों के सहयोग से मलेरिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करें।

किसी आयु वर्ग के लोग मलेरिया से हो सकते हैं पीड़ित :

डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है, जो किसी भी आयु वर्ग के के लोगों को हो सकता है। इसमें कंपकंपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन बुखार आते-जाते रहता । फेलसीपेरम मलेरिया (दिमागी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है। खून की कमी हो जाती है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है।

मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का करें प्रयोग :

मलेरिया से बचाव के लिए पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े का अधिक उपयोग करें। सोने के दौरान निश्चित रूप से मच्छरदानी लगाएं। इस बात का दिन में सोने के दौरान ख्याल रखें। इसके अलावा घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें एवं किसी भी कीमत पर जलजमाव नहीं होने दें। जलजमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल डालें। घर के आसापस बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें।