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Saran Vidhansabha Chunav: त्रि-स्तरीय सुरक्षा चक्र में कैद है EVM, 24×7 कंट्रोल रूम से हो रही मॉनिटरिंग

उम्मीदवारों के प्रतिनिधि भी कर रहे रियल-टाइम निगरानी

छपरा। बिहार विधान सभा आम चुनाव 2025 के प्रथम चरण के मतदान संपन्न होने के बाद अब ईवीएम की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। छपरा के बाजार समिति परिसर में सभी 10 विधानसभा क्षेत्रों के पोल्ड ईवीएम को त्रि-स्तरीय सुरक्षा घेराबंदी में रखा गया है, ताकि किसी भी तरह की अनाधिकृत गतिविधि या छेड़छाड़ की गुंजाइश न रहे।

 त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था इस प्रकार है

  1. प्रथम लेयर (बाहरी सुरक्षा):
    जिला पुलिस बल के जवान परिसर के बाहरी हिस्से में 24×7 चौकसी कर रहे हैं। किसी भी व्यक्ति या वाहन का इस घेरे के अंदर प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित है।

  2. द्वितीय लेयर (मध्य सुरक्षा):
    केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल / बीएसएपी के जवानों की तैनाती की गई है, जो चारों ओर से सुरक्षा घेरा बनाकर निरंतर निगरानी कर रहे हैं।

  3. तृतीय लेयर (आंतरिक सुरक्षा):
    वज्रगृह के अंदरूनी हिस्से की सुरक्षा पूरी तरह केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के जिम्मे है, जो 24 घंटे सतर्क निगरानी सुनिश्चित कर रहे हैं।

 निगरानी व्यवस्था मजबूत

  • जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा प्रतिदिन वज्रगृह का स्थलीय निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग की जा रही है।
  • प्रत्येक विधानसभा के आरओ / एआरओ प्रतिदिन दो बार अपने-अपने वज्रगृह का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहे हैं।
  • वरीय पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी भी निरंतर सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

 हाईटेक निगरानी और वीडियो रिकॉर्डिंग

सुरक्षा घेरा में प्रवेश करने वाले प्रत्येक पदाधिकारी या कर्मी की वीडियो रिकॉर्डिंग हैंड-हेल्ड कैमरा से की जा रही है। इसके अलावा वज्रगृह के सील्ड प्रवेश द्वार और आसपास के मार्गों पर CCTV कैमरे लगाए गए हैं।

  • CCTV का एक डिस्प्ले केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल की तैनाती स्थल पर है, जिसकी वे निरंतर निगरानी करते हैं।
  • दूसरा डिस्प्ले कंट्रोल रूम में लगाया गया है, जहाँ प्रत्येक विधानसभा के अभ्यर्थी के अभिकर्ता स्वयं उपस्थित रहकर फुटेज की निगरानी करते हैं।

यदि किसी तकनीकी कारण से कुछ सेकंड या मिनट के लिए CCTV डिस्प्ले बाधित होता भी है, तो भी रिकॉर्डिंग निरंतर चालू रहती है।

पारदर्शिता को प्राथमिकता

किसी भी प्रत्याशी या उनके अभिकर्ता को अनुमति है कि वे संबंधित विधानसभा के आरओ को सूचित कर वज्रगृह की सुरक्षा व्यवस्था का अवलोकन कभी भी कर सकते हैं। इससे पारदर्शिता और निष्पक्षता दोनों सुनिश्चित होती हैं।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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