भीषण गर्मी में आसमान से आग बरस रहा है ऐसे में छोटे -छोटे बच्चों का रखे खास ख्याल : डॉ संदीप

छपरा

छपरा : गर्मी का असर लोगों का जन जीवन प्रभावित कर दिया है। सारण समेत पुरे राज्य में भीषण गर्मी पड़ रही है, लोग भीषण गर्मी से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है. मौसम विभाग ने भी चेतावनी दी है कि लू चलेगी. इसलिए, स्वास्थ्य विभाग ने भी सलाह दी है कि लोगों को दिन के दौरान बाहर जाने से बचना चाहिए, खासकर 12:00 से 4:00 बजे के बीच. वही छपरा सदर अस्पताल में पदस्थापित एवं दरोगा राय चौक स्थित शिवा चाइल्ड क्लिनिक के संचालक शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संदीप कुमार यादव ने चेतावनी दी है कि गर्मियों की छुट्टियों के दौरान बच्चों को अतिरिक्त देखभाल करने की जरूरत है इस दौरान गर्मी बढ़ जाती है. अत्यधिक गर्मी के कारण बच्चों को अधिक खतरा होता है क्योंकि इस दौरान उन्हें डिहाईड्रेशन की समस्या हो सकती है, जिसके चलते वो बहुत बीमार पड़ सकते हैं

गर्मी की थपेड़ों के चलते डिहाईड्रेशन तेजी से होता है क्योंकि शरीर जितना पानी पीता है उससे अधिक पसीने के जरिए खो देता है. चूंकि बच्चों की पसीने की ग्रंथियां पूरी तरह से विकसित नहीं होती हैं, इसलिए वयस्कों की तुलना में शरीर के तापमान को विनियमित करने में कुछ समस्याएं पैदा हो सकती हैं. गर्मी के दौरान बच्चों के अधिक जोखिम में होने का एक अन्य कारण उनके शरीर का आकार है. बच्चों का शरीर ज़्यादा गरम होने के कारण उनके गर्मी सोखने की संभावना अधिक होती है. हालांकि, माता-पिता कुछ सरल उपायों से अपने बच्चों को गर्मी में डिहाईड्रेशन से बचा सकते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में.

लू लगने पर बच्चों में दिख सकते हैं ये लक्षण
अचानक हार्टबीट का बढ़ जाना

-सिर दर्द
चक्कर आना

-हर समय थकावट लगना

-उल्टी लगना

-हाथ पैर का ऐंठना

हाइड्रेटेड रखें-

अपने बच्चों को बार-बार पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें और जब वे बाहर जाएं तो अपने साथ पानी की बोतलें ले जाएं. साथ ही, शुगरी और आर्टिफिशियल कार्बोहाइड्रेट सॉफ्ट ड्रिंक्स बच्चे को न दें.

हल्के कपड़े पहनाएं-

सूती और लिनेन जैसे कपड़े शरीर के तापमान को ठंडा रखने में मदद करते हैं. ऐसे में अपने बच्चों को गर्मी के दौरान हल्के कपड़े पहनाएं.

गर्म मौसम में पंखा न चलाएं-

उन्होंने एक रिपोर्ट के हवाला देते हुए कहा कि बढ़ते तापमान में पंखा चलाने को अवॉइड करें. हीटवेव की स्थिति में पंखा हवा को ठंडा नहीं करता, बल्कि ये कमरे के अंदर गर्म हवा को घुमाता रहता है, जिससे बच्चे का बॉडी टेंपरेचर संतुलित होने की बजाय बढ़ सकता है. सामान्य तापमान पर ऐसी चलाएं.

बाहर जाना कम से कम करें-

दिन के सबसे गर्म हिस्सों के दौरान इनडोर गतिविधियों को प्रोत्साहित करें. बाहरी गतिविधियों के सीधे संपर्क को कम करने के लिए टोपी और छतरियों का उपयोग किया जा सकता है.

डॉक्टर से सलाह लें-

सिरदर्द, सांस लेने में समस्या, चक्कर आना या पेशाब कम आना जैसे लक्षण होने पर तुरंत किसी चिकित्सकीय पेशेवर से परामर्श लें. साथ ही, बच्चों को ऐसे लक्षणों के बारे में शिक्षित करें और उन्हें गर्मी के संपर्क में आने से होने वाली परेशानियों से निपटने के बारे में समझाएं.