छपरा

छपरा में रक्षा बंधन पर भाई को मिला ऐसा तोहफा, जिसे जीवन भर नहीं भूल पायेगा, 15 साल पहले खोयी बहन आयी वापस

छपरा। 15 वर्ष से खोई मानसिक व्याधि की शिकार बहन अगर रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर सुरक्षित व स्वस्थ मिल जाए तो भाई की खुशी का वर्णन कर पाना संभव नहीं है। बड़ी बात यह कि स्मरण शक्ति लौटने के बाद शादीशुदा होने के बावजूद महिला ने अपने पति या इकलौती बेटी की बजाय छोटे भाई का नाम लिया और मायके का पता बताया। मामला सारण जिले के जलालपुर प्रखंड के कोपा थाना क्षेत्र के नवादा मठिया गांव का है। जिला प्रशासन के माध्यम से सूचना मिलने पर चार दिन पहले छोटा भाई उसे बेंगलुरु से अपने घर लाया और गुरुवार को बड़ी बहन से राखी बंधवा निहाल हो गया। महिला की आयु लगभग 50 वर्ष हो चुकी है।

मां, पिता का निधन हो गया है। पति ने कुछ वर्षों तक तलाश के बाद उसे मृत मान दूसरा विवाह कर लिया था। इकलौती संतान पुत्री नमिता का भी घर बस चुका है।पति ने अभी तक पहली पत्नी की खोज खबर नहीं ली है। बेटी पति राजेश कुशवाहा संग दिल्ली में है। शीघ्र ही मां से मिलने आने वाली है। उसी ने मां के बेंगलुरु में सुरक्षित मिलने की सूचना पर मामा को पैसे देकर वहां भेजा था।

advertisement

महिला विद्यावती देवी नवादा मठिया गांव के स्व. सत्यनारायण प्रसाद की पुत्री है। मनिकपुरा के सुरेश कुशवाहा से विवाह के बाद एक पुत्री की मां बन चुकी थी।इस बीच किन्हीं कारणों से मानसिक व्याधि की शिकार हो गईं। समुचित उपचार के अभाव में सोचने-समझने की क्षमता क्षीण होती गई। विद्यावती देवी एक दिन घर से निकल ट्रेन में सवार होकर बेंगलुरु पहुंच गई।

advertisement

वहां सड़क पर भटकने के दौरान जीविका माइग्रेन सेंटर के कर्मियों की नजर उन पर पड़ी तो मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती करा समुचित उपचार शुरू करा दिया।इससे उनकी स्मरण शक्ति लौट आई। उन्होंने वहां के अधिकारियों को अपने मायके नवादा मठिया का पता बताया और कहा कि पंचा प्रसाद मेरे भाई हैं।

डीएम सारण को बेंगलुरु शासन ने सूचित किया। तब महिला के भाई पंचा प्रसाद को बेंगलुरु भेजा गया। वे बहन विद्यावती को घर ले आए। पंचा ने कहा, अब घर में जश्न है। बड़े भाई कृष्णा व अन्य स्वजन खुश हैं। आस-पड़ोस से मिलने आने वालों का तांता लगा है। पूरे जीवन बहन को साथ रख उनकी सेवा करेंगे।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

Related Articles

Back to top button