JP Ganga Path Project:पटना से बिहटा होते कोईलवर तक बनेगी FourLane Road, HAM आधारित मॉडल से होगा निर्माण
18 KM एलिवेटेड और 17.65 KM एटग्रेड सड़क, यात्रा होगी सुगम, वसूला जाएगा टोल टैक्स


पटना। राजधानी पटना से बिहटा होते हुए कोईलवर पुल तक आवागमन अब और तेज़, सुगम और आधुनिक होने वाला है। जेपी गंगापथ परियोजना के विस्तार को लेकर राज्य कैबिनेट की बैठक में एक अहम फैसला लिया गया है। अब इस परियोजना के तहत दीघा से शेरपुर होते हुए कोईलवर पुल तक फोर लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा, जो कि हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (Hybrid Annuity Model – HAM) पर आधारित होगा।
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यह बिहार सरकार की पहली परियोजना है, जिसे HAM मॉडल पर लागू किया जाएगा। योजना के तहत यात्रियों से टोल टैक्स वसूला जाएगा, जिससे निर्माण लागत की वसूली चरणबद्ध तरीके से हो सके।
📊 परियोजना की प्रमुख विशेषताएं:
बिंदु | विवरण |
---|---|
परियोजना का नाम | जेपी गंगापथ विस्तार परियोजना |
कुल लंबाई | 36.65 किलोमीटर |
एलिवेटेड सड़क | 18 किलोमीटर |
एटग्रेड सड़क | 17.65 किलोमीटर |
सड़क की चौड़ाई | फोर लेन |
निर्माण मॉडल | हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) |
कुल लागत | ₹5,500 करोड़ |
राज्य सरकार की शुरुआती हिस्सेदारी | लगभग 40% (भू-अर्जन और अन्य खर्च छोड़कर) |
एजेंसी की हिस्सेदारी | 60% (निजी निवेश) |
लागत वसूली का माध्यम | टोल टैक्स + बजटीय सहायता |
वसूली अवधि | 15 वर्षों तक किस्तों में |
जुड़ाव बिंदु (पूर्व) | दीघा (जेपी गंगा सेतु के पास) |
जुड़ाव बिंदु (पश्चिम) | कोईलवर (सोन नदी पर बना नया पुल) |
संपर्क मार्ग | दानापुर और शाहपुर |
प्रमुख लाभ | पटना से आरा तक की यात्रा में सुगमता और समय की बचत |
परियोजना क्यों है खास?
पटना से बिहटा होते कोईलवर तक का सफर फोर लेन सड़क से होगा, जिससे यात्रा समय और ट्रैफिक दोनों में कमी आएगी।HAM मॉडल पर बनने वाली बिहार की यह पहली सड़क परियोजना है, जिसमें सरकार और निजी एजेंसियों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। यह परियोजना पटना, बिहटा और आरा जैसे औद्योगिक और आबादी वाले क्षेत्रों को जोड़ने का काम करेगी।
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क्या बोले अधिकारी?
HAM मॉडल के तहत सरकार को केवल 40 प्रतिशत राशि शुरुआती तौर पर खर्च करनी होगी, शेष राशि एजेंसी द्वारा लगाई जाएगी, जिसकी वसूली बाद में 15 साल की किस्तों में टोल टैक्स व बजटीय सहयोग से की जाएगी। डॉ. एस. सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव कैबिनेट विभाग |
जेपी गंगापथ परियोजना का यह विस्तार न केवल राजधानी पटना की कनेक्टिविटी को मजबूती देगा, बल्कि आरा-बिहटा-पटना कॉरिडोर के रूप में एक नया विकास मार्ग भी तैयार करेगा। यह परियोजना यातायात, व्यापार और रोजगार के नए अवसरों को जन्म देगी।