छपराराजनीति

Bihar Vidhansabha Election: सारण में लोकतंत्र की रक्षा में मशीनें भी दे रही परीक्षा, EVM की जांच जारी

राजनीतिक दलों की निगरानी और भागीदारी से बढ़ी पारदर्शिता

छपरा। आगामी विधानसभा आम चुनाव को लेकर छपरा में ईवीएम की प्रथम स्तरीय जांच (एफ.एल.सी.) पूरी पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ जारी है। बीते 10 दिनों से सदर प्रखंड के समीप स्थित ईवीएम वेयरहाउस में आयोग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत यह कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। रविवार को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी अमन समीर ने निरीक्षण के बाद जानकारी दी कि अब तक 1220 बैलेट यूनिट (BU), कंट्रोल यूनिट (CU) और वीवीपैट (VVPAT) की जांच पूरी हो चुकी है, जिनमें से 19 BU, 9 CU और 19 VVPAT मशीनें मानकों पर खरी नहीं उतरीं और उन्हें रिजेक्ट किया गया है।

जिले में ECIL हैदराबाद द्वारा निर्मित M3 मॉडल की 6210 बैलेट यूनिट, 4993 कंट्रोल यूनिट और 6134 वीवीपैट मशीनों की जांच होनी है। जो मशीनें एफ.एल.सी. में “ओके” होंगी, वही चुनाव प्रक्रिया में प्रयुक्त की जाएंगी, जबकि रिजेक्टेड मशीनों को जांच के बाद विनिर्माता कंपनी को वापस भेजा जाएगा।

राजनीतिक दलों की निगरानी और भागीदारी से बढ़ी पारदर्शिता

एफएलसी हॉल में जेडीयू, आरजेडी, बीजेपी, बीएसपी, एलजेपी, आरएलएसपी और सीपीआईएमएल जैसे दलों के प्रतिनिधियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की गई है। हर दिन इन प्रतिनिधियों से पिंक पेपर सील पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं और उनकी उपस्थिति की प्रोसीडिंग चुनाव आयोग की साइट पर अपलोड की जा रही है। अब तक 13 स्मार पत्र गैरहाजिर राजनीतिक दलों को भेजे जा चुके हैं।

Chhapra News: छपरा जंक्शन पर 18 करोड़ रूपये की Gold के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार

तीन स्तरीय निगरानी, हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था

एफएलसी कार्य की निगरानी तीन स्तरों पर की जा रही है:

  1. वेब टेलीकास्टिंग – लाइव फुटेज कंट्रोल रूम, जिला अधिकारी कार्यालय, और राज्य/राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग में देखा जा रहा है।
  2. सीसीटीवी निगरानी – वेयरहाउस के हर कोने की रिकॉर्डिंग सुनिश्चित की गई है।
  3. वीडियोग्राफी – हर प्रक्रिया का स्वतंत्र वीडियो रिकॉर्ड भी रखा जा रहा है।

मेटल डिटेक्टर, फ्रिस्किंग, मोबाइल निषेध और मेडिकल टीम की तैनाती जैसी व्यवस्थाएं सुरक्षा को चाक-चौबंद बनाती हैं।

तकनीकी दक्षता से परखा जा रहा हर वोट

एफएलसी कोषांग के प्रभारी अधिकारी नगर आयुक्त सुनील कुमार पांडेय एवं नोडल अधिकारी डीएमडब्लूओ रवि प्रकाश ने बताया कि 13 तकनीकी अभियंताओं की टीम मशीनों की सूक्ष्म जांच कर रही है। प्रत्येक यूनिट को डमी प्रतीकों के साथ 16 बटनों पर 6-6 वोट डालकर परखा जा रहा है, फिर वीवीपैट पर्चियों की गिनती से मिलान किया जाता है। सत्यापित मशीनों की डिटेल्स EMS-0.2 ऐप पर स्कैन कर अपलोड की जाती हैं।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

Related Articles

Back to top button