क्राइम

सारण में लंबे समय फरार कुख्यात नक्सली प्रेम मांझी को STF ने किया गिरफ्तार

छपरा। सारण जिले में बिहार STF और अमनौर थाना की संयुक्त कार्रवाई में नक्सली अभियुक्त प्रेम मांझी को गिरफ्तार किया गया है। प्रेम मांझी, जिनका पूरा नाम रामदेव मांझी है, वे सुलतानपुर, डेरनी थाना, सारण जिला के निवासी हैं। उसके खिलाफ कई गंभीर अपराधों के लिए खोज रहे थे, जिनमें विभिन्न थानों में दर्ज अपराध शामिल हैं। उनकी गिरफ्तारी से पहले, सारण जिले में अपराध के खिलाफ लगातार कार्रवाई चल रही थी।

बिहार STF और अमनौर थाना की संयुक्त कार्रवाई में बिहार के सारण जिले में प्रेम मांझी को गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ लगातार अपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किए गए हैं।

अपराधिक इतिहास: प्रेम मांझी का पिछला अपराधिक इतिहास काफी व्यापक है। उन्हें कई मामलों में शामिल पाया गया है, जैसे –

डेरनी थाना कांड (2008): इस मामले में उन्हें धारा 341/353/307/34 भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज किया गया था, साथ ही 27 आर्म्स एक्ट और 3/4 विस्फोटक अधिनियम भी शामिल था।

अमनौर थाना कांड (2010): इस मामले में उन्हें धारा 147/148/149/427/436/447/379/386 भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज किया गया था, साथ ही 17 सीएलए एक्ट भी शामिल था।

पानापुर थाना कांड (2011): इस मामले में उन्हें धारा 147/148/149/452/341/323/307/380/436 भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज किया गया था, साथ ही 27 आर्म्स एक्ट और 17 सीएलए एक्ट भी शामिल था।

दरियापुर थाना कांड (2018): इस मामले में उन्हें धारा 385/386/387 भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज किया गया था, साथ ही 17 सीएलए एक्ट भी शामिल था।

सरकारी कार्रवाई: प्रेम मांझी की गिरफ्तारी से पहले, सारण जिले में सरकारी अधिकारियों द्वारा अपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे थे। उन्होंने इस विचार में कठोर कदम उठाए हैं ताकि नक्सली संगठनों की गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सके।

आगामी कार्रवाई:
प्रेम मांझी की गिरफ्तारी के बाद, उन्हें संगठनित अपराधिकता से जुड़े मामलों में न्यायिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर नक्सली गतिविधियों को रोका जा सके।

इस प्रकार, प्रेम मांझी की गिरफ्तारी ने बिहार सरकार के नक्सली संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में नई ऊर्जा भर दी है। उनके खिलाफ दर्ज अपराधों के आधार पर उन्हें न्यायिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर नक्सली गतिविधियों को रोका जा सके।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

Related Articles

Back to top button