छपरा

JaiPrabha Setu Chhapra: सड़क पर चल रहे हैं सपने, सरकार में अटकी है रश्में, जयप्रभा सेतु की कहानी अनसुनी

सियासी सहमति की कमी बनी सबसे बड़ी बाधा

छपरा। सारण जिले में एक ऐसा पुल, जो पिछले 20 वर्षों से बिना उद्घाटन के ही हजारों गाड़ियों का बोझ ढो रहा है, एक अजूबा बन चुका है। यह कोई सामान्य पुल नहीं, बल्कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण और उनकी धर्मपत्नी प्रभावती देवी के नाम पर बना ऐतिहासिक ‘जयप्रभा सेतु’ है। यह पुल बिहार के हाजीपुर को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से जोड़ता है और घाघरा नदी पर बना है।

🛣️ उद्घाटन नहीं, उपयोग ज़बरदस्त!

2005 में बनकर तैयार हुए इस पुल से 2006 से ही छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन शुरू हो गया, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक इसका आधिकारिक उद्घाटन नहीं हुआ है। पुल पर दिन-रात मालवाहक ट्रक, बसें और निजी गाड़ियाँ दौड़ रही हैं, मानो यह पुल पूरी तरह से चालू है — लेकिन सरकारी दस्तावेजों में यह “अनछुए” सपनों जैसा दर्ज है।

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🔍 सियासी सहमति की कमी बनी सबसे बड़ी बाधा

स्थानीय लोगों के अनुसार इस पुल का शिलान्यास यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री रामनरेश यादव और बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने किया था। निर्माण को पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के कार्यकाल में गति मिली। मगर यूपी और बिहार सरकारों के बीच आपसी तालमेल की कमी और राजनीतिक मतभेद के कारण यह पुल उद्घाटन से वंचित रह गया।

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🚛 व्यापारिक गतिविधियों की जान बना ‘जयप्रभा सेतु’

यह पुल राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-31 पर स्थित है और दोनों राज्यों के बीच व्यापारिक जीवनरेखा बन चुका है। मालवाहक वाहनों का भारी दबाव झेलने के बावजूद पुल पर कोई औपचारिक मान्यता नहीं है। यही नहीं, पुल अब पुराना हो चला है और इसमें जगह-जगह दरारें भी आने लगी हैं, जो चिंता का विषय है।

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🏗️ नए पुल का निर्माण जारी, 4-लेन का विस्तार प्रस्तावित

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ठीक इसके समानांतर एक नया 4-लेन पुल भी बनाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार इसके पिलर का काम लगभग पूरा हो चुका है। यदि समय पर यह पुल बनकर तैयार हो जाता है, तो यातायात का दबाव कम होगा और आर्थिक गतिविधियों को और रफ्तार मिलेगी।

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📣 जनता की मांग: “अब तो उद्घाटन कर ही दीजिए!”

स्थानीय लोगों और व्यापारियों की मांग है कि दोनों राज्य सरकारें आपसी सहमति बनाकर इस ऐतिहासिक पुल का उद्घाटन करें, ताकि इसे विधिवत मान्यता मिल सके। साथ ही, नए पुल के निर्माण में तेजी लाई जाए, जिससे दोनों राज्यों की आवाजाही और व्यापार को नई उड़ान मिल सके।


News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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