छपरा

Unmarried Mother: अविवाहित रहकर मां बनीं छपरा की भोजपुरी सिंगर देवी, ऋषिकेश एम्स में गूंजी किलकारी

कहा- अब जिंदगी हो गई पूरी

छपरा। लोकप्रिय लोकगायिका देवी ने जीवन का एक नया अध्याय शुरू किया है। देवी ने अविवाहित रहकर चिकित्सकीय पद्धति से मां बनने का साहसिक निर्णय लिया और 9 सितंबर को ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ऑपरेशन के जरिए एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। फिलहाल मां और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। सिंगर देवी ने बच्चे को जन्म देने के बाद बताया कि मुझे आज बहुत खुशी हो रही है। ऐसा लग रहा है दुनिया की सब कुछ मिल गया।

देवी के पिता प्रो. प्रमोद कुमार ने मीडिया को जानकारी दी कि उनकी बेटी ने जर्मनी में रहते हुए स्पर्म बैंक की मदद से डॉक्टरी देखरेख में गर्भधारण किया था। परिवार इस निर्णय से पहले से ही अवगत था और अब जब बच्चा सुरक्षित दुनिया में आया है तो सब बेहद खुश हैं। प्रो. कुमार ने बताया कि इसके पहले भी सात साल पहले देवी ने कृत्रिम रूप से गर्भधारण की कोशिश की थी, लेकिन वह सफल नहीं हो पाई थी।

देवी की बहन नीती कुमार ने सोशल मीडिया पर बच्चे की पहली तस्वीर साझा की है। उन्होंने लिखा, बहुत खुशी हो रही है कि आज मैं मौसी बन गई। तस्वीर सामने आने के बाद देवी के प्रशंसकों और शुभचिंतकों की ओर से बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया है।

लोकगायिका देवी अपने गानों और सशक्त आवाज़ के लिए हमेशा चर्चा में रही हैं। उन्होंने लोक संगीत की परंपरा को नए आयाम दिए हैं और देश-विदेश में उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती रही है। निजी जीवन को लेकर भी वे समय-समय पर सुर्खियों में रही हैं। वर्ष 2021 में उनके सात समंदर पार रहने वाले फैब नामक युवक के साथ लिव-इन रिलेशनशिप की चर्चाएं खूब हुई थीं। हालांकि, बाद में देवी ने अपना जीवन अपनी शर्तों पर जीने का रास्ता चुना।

अपनी इच्छा से मातृत्व का अधिकार

देवी का यह कदम सामाजिक रूप से भी एक बड़ी मिसाल माना जा रहा है। भारतीय समाज में जहां अविवाहित मातृत्व को लेकर अब भी कई तरह की धारणाएं और सवाल खड़े किए जाते हैं, वहीं देवी का यह निर्णय आधुनिक सोच और स्वतंत्र जीवनशैली का उदाहरण प्रस्तुत करता है। परिवार का साथ और चिकित्सकीय पद्धति की मदद से देवी ने यह साबित कर दिया है कि स्त्री अपनी इच्छा से मातृत्व का अधिकार पा सकती है।

देवी और उनके बच्चे की सलामती की खबर के बाद उनके चाहने वालों में खुशी की लहर है। लोग सोशल मीडिया पर उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं और उनके साहस की सराहना कर रहे हैं। लोकगायिका देवी का यह फैसला न केवल उनकी निजी जिंदगी की बड़ी उपलब्धि है बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है।

इस बात से साफ है कि लोकगायिका देवी ने समाज की परंपरागत धारणाओं को चुनौती देते हुए अपने जीवन का नया अध्याय रचा है। उनके इस साहसिक कदम से यह संदेश भी मिलता है कि मातृत्व का अधिकार स्त्री की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और इच्छाशक्ति से जुड़ा हुआ है, और इसके लिए शादी या रिश्तों पर निर्भर होना अनिवार्य नहीं। देवी ने किताब भी लिखी है। जिसकी सराहना
साहित्यकारों ने की थी।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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