सारण के लाल प्रभात ने UPSC परीक्षा में चौथी रैंक हासिल कर सफलता का परचम लहराया

छपरा
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छपरा। कहते हैं मेहनत और समर्पण का कोई विकल्प नहीं होता, और इस बात को सच कर दिखाया है प्रभात कुमार सिंह ने। मढ़ौरा थाना अंतर्गत मोथहां रामपुर निवासी अनिल कुमार सिंह के पुत्र प्रभात ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस (IEDS) परीक्षा में चौथी रैंक हासिल कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे जिले का मान बढ़ाया है। अब वे मिनिस्ट्री ऑफ एमएसएमई, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया में असिस्टेंट डायरेक्टर ग्रेड-1 के पद पर अपनी सेवाएं देंगे।

साधारण परिवार, असाधारण सपना

प्रभात कुमार सिंह का सफर आसान नहीं था। उनके पिता अनिल कुमार सिंह एक किसान हैं, और माता मंजू सिंह, जो एक शिक्षिका हैं, ने हमेशा उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। सीमित संसाधनों के बावजूद प्रभात ने कभी अपने सपनों को मरने नहीं दिया। बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहने वाले प्रभात की मेहनत और लगन का नतीजा आज पूरे जिले के सामने है।

संघर्ष और सफलता

प्रभात इससे पहले मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल्स में टेक्निकल सुपरिंटेंडेंट के पद पर कार्यरत थे। लेकिन उनकी मंजिल इससे कहीं आगे थी। नौकरी के साथ-साथ उन्होंने UPSC की तैयारी जारी रखी और अपने दृढ़ निश्चय से सफलता की ऊंचाइयों को छू लिया।

अपनी इस उपलब्धि पर प्रभात कहते हैं,”सफलता किसी एक दिन की मेहनत का नतीजा नहीं होती, यह लगातार की गई मेहनत और धैर्य का फल है। अगर लक्ष्य बड़ा हो, तो रास्ते में आने वाली कठिनाइयों को सहन करने की शक्ति भी उतनी ही बड़ी होनी चाहिए।”

मां की आंखों में खुशी के आंसू

जब प्रभात के इस ऐतिहासिक सफलता की खबर आई, तो पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। उनकी मां मंजू सिंह की आंखों में आंसू थे, लेकिन ये आंसू गर्व और खुशी के थे। उन्होंने कहा,”हमेशा से मेरे बेटे में लगन थी। उसने अपनी मेहनत से हमें गौरवान्वित किया है। यह खुशी शब्दों में बयां नहीं की जा सकती।”

प्रेरणा बने प्रभात

प्रभात की इस सफलता ने न केवल उनके परिवार, बल्कि सारण जिले के युवाओं के लिए भी प्रेरणा का काम किया है। उनकी कहानी यह साबित करती है कि अगर मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी सपना असंभव नहीं होता।