
पटना। बिहार सरकार ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य की ग्रामीण सड़कों का कायाकल्प करके राज्य के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को एक नया रूप दिया है। बिहार में मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना (एमएमजीएसवाय) के तहत अबतक 34 हजार 59 किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।
इससे 24 हजार से भी अधिक गांवों को पक्की सड़कों की सौगात मिली है।
चूंकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 500 तक की आबादी वाले टोलों को ही शामिल किया जा गया है। इसलिए इनसे छोटे टोलों को भी सड़क संपर्कता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना की शुरुआत वर्ष 2013 में की गई थी। अब हर टोले को पक्की बारहमासी सड़क से जोड़ने की दिशा में ग्रामीण कार्य विभाग अग्रसर है।
ग्रामीण कार्य विभाग के अनुसार, इस योजना के तहत 43 हजार, 423 किमी लंबाई की कुल 31 हजार, 594 ग्रामीण सड़कों के निर्माण को अपनी प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। इनमें से 78 प्रतिशत से भी अधिक परियोजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं। यह राज्य में ग्रामीण संपर्कता की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
जिलावार प्रदर्शन – मुजफ्फरपुर सबसे आगे
सड़क निर्माण की लंबाई के आधार पर मुजफ्फरपुर जिला इस योजना के क्रियान्वयन में सबसे आगे है, जहां अब तक 2,345.42 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। इसके बाद मधुबनी (2240 किमी), अररिया (2137 किमी) और पूर्वी चंपारण (1973 किमी) प्रमुख जिलों में शामिल हैं।
टॉप-10 जिले (निर्मित सड़कों की लंबाई के अनुसार)
| रैंक | जिला नाम | निर्मित सड़क (किमी में) |
|---|---|---|
| 1 | मुजफ्फरपुर | 2345 किमी |
| 2 | मधुबनी | 2240 किमी |
| 3 | अररिया | 2137 किमी |
| 4 | पूर्वी चंपारण | 1973 किमी |
| 5 | पूर्णिया | 1719 किमी |
| 6 | कटिहार | 1532 किमी |
| 7 | सारण | 1449 किमी |
| 8 | दरभंगा | 1419 किमी |
| 9 | पश्चिम चंपारण | 1247 किमी |
| 10 | गोपालगंज | 1209 किमी |



