
छपरा: अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के राष्ट्रीय शताब्दी समारोह के दूसरे दिन छपरा शहर का माहौल एक सामाजिक जागरूकता और सांस्कृतिक एकता के रंग में रंगा नजर आया। शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए एक विशाल शोभायात्रा निकाली गई, जो पूरी तरह पारंपरिक रंग और आधुनिक सामाजिक संदेश से सुसज्जित रही।
शोभायात्रा की शुरुआत छपरा कचहरी स्टेशन से हुई, जिसमें सबसे आगे 1962 के रेजांगला युद्ध में शहीद हुए यादव सैनिकों की स्मृति में कलश यात्रा निकाली गई। हाथी, ऊँट और पारंपरिक बैंड-बाजों से सजी इस यात्रा में हजारों की संख्या में यादव समाज के कार्यकर्ता पीले झंडे लिए “जय यादव, जय माधव” के नारों के साथ शामिल हुए।




इस भव्य आयोजन का नेतृत्व महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस. के. घोष, पूर्व मंत्री उदित राय, कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यप्रकाश यादव सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने किया। शोभायात्रा नगरपालिका चौक, महमूद चौक, रामजयपाल कॉलेज चौक होते हुए भिखारी ठाकुर प्रेक्षागृह पहुँची, जहाँ यह एक विशाल सभा में तब्दील हो गई।
सभा की अध्यक्षता डॉ. स्वप्न कुमार घोष ने की। इस दौरान मंच से जातीय जनगणना और मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने जैसे ज्वलंत मुद्दों पर देशभर से आए प्रबुद्ध वक्ताओं ने अपने विचार रखे।
प्रमुख वक्ताओं में शामिल रहे:
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डॉ. लालबाबू यादव,
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चंद्रभूषण सिंह यादव (उत्तर प्रदेश),
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सौम्य प्रकाश (त्रिपति, आंध्रप्रदेश),
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वरिष्ठ अधिवक्ता सत्यप्रकाश यादव (उच्चतम न्यायालय),
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ब्रिगेडियर प्रदीप जद्दु (रायपुर),
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दिनेश यादव (राजस्थान),
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श्याम सिंह यादव (पूर्व सांसद, उत्तर प्रदेश),
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प्रो. वीरेन्द्र नारायण यादव (विधानपार्षद, बिहार),
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जयमित्रा देवी (जिला परिषद अध्यक्ष),
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पूर्व सांसद लालबाबू राय (आयोजन समिति अध्यक्ष)
सभा का संचालन बिहार प्रदेश यादव महासभा के अध्यक्ष एवं पूर्व आईएएस डॉ. गोरेलाल यादव ने किया।
यादवेन्दु सभागार का हुआ लोकार्पण
इस आयोजन से पूर्व सलेमपुर स्थित यादव छात्रावास परिसर में “यादवेन्दु सभागार” का भव्य लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर डॉ. घोष सहित पूर्व मंत्री उदित राय, पूर्व सांसद लालबाबू राय, विधानपार्षद प्रो. वीरेन्द्र नारायण यादव जैसे वरिष्ठ नेताओं की गरिमामयी उपस्थिति रही।
यह कार्यक्रम न केवल सामाजिक जागरूकता की मिसाल बना बल्कि यादव समाज की एकजुटता, शिक्षा और अधिकारों की लड़ाई को भी नई दिशा देने वाला क्षण बन गया।
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