Railway News: रेलवे का बड़ा ऐलान, जरूरत पड़ी तो चलेगी फौजी स्पेशल ट्रेन


Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंक के खिलाफ भारत की सटीक कार्रवाई से पाकिस्तान पूरी तरह बौखलाया हुआ है। बौखलाहट में उसने एक बार फिर भारत को गीदड़ भभकी दी है, लेकिन भारत अब हर स्तर पर चौकस और तैयार है। सीमा पर सेना की तैनाती तेज करने के लिए अब भारतीय रेलवे (Indian Railway) भी मोर्चे पर उतरने को तैयार है।
रेल मंत्रालय (Railway Ministry) ने स्पष्ट किया है कि अगर जरूरत पड़ी तो कश्मीर घाटी तक विशेष सैन्य ट्रेनों (Special Sainik Train) का संचालन तुरंत शुरू किया जा सकता है। रेलवे का कहना है कि निर्देश मिलते ही ट्रेनें भेज दी जाएंगी, और अब तो रेल लाइन श्रीनगर तक मौजूद है – जिससे जवानों को तेजी से बॉर्डर तक पहुंचाना और भी आसान हो गया है।
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कारगिल जैसी तत्परता फिर दिखाने को तैयार रेलवे
रेलवे मंत्रालय के अनुसार, कारगिल युद्ध (1999) के दौरान भी रेलवे ने ऐसी ही निर्णायक भूमिका निभाई थी। लगभग छह सप्ताह में करीब सात लाख सैनिकों को मोर्चे पर पहुंचाने के लिए रेलवे ने 500 के करीब विशेष ट्रेनें चलाई थीं। इन ट्रेनों में हथियार, राशन, गोला-बारूद और जवानों को सीमा के नज़दीक पहुंचाया गया था। हर दिन कई स्पेशल ट्रेनें चलती थीं और सैनिकों को प्राथमिकता दी जाती थी।
सैनिकों की रफ्तार, रेलवे की जिम्मेदारी
रेलवे के पूर्व अधिकारियों के अनुसार, युद्ध जैसे हालातों में रेलवे के पास एक विशेष संचालन योजना होती है। सामान्य यात्री ट्रेनों को रोक कर सेना की ट्रेनों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। इन ट्रेनों में विशेष डिब्बे होते हैं, जिनमें सैनिकों का साजो-सामान, हथियार और आवश्यक सामग्री रखी जाती है।
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रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ा दी जाती है, और सेना व रेलवे के अधिकारी एकजुट होकर संचालन की निगरानी करते हैं ताकि एक भी मिनट की देरी न हो।
सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच भारत पूरी तरह तैयार
पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और सीमा उल्लंघन की कोशिशों के बीच भारत न केवल राजनीतिक स्तर पर सख्त संदेश दे रहा है, बल्कि सैन्य तैयारियों में भी कोई कोताही नहीं बरत रहा है।
