Railway Duble Line: रेलवे GM ने किया गोरखपुर-पनियहवां रेलखंड का निरीक्षण, 1120 करोड़ की लागत से बन रहा 96KM लंबा रेललाइन
मानसून से पहले सुरक्षा को प्राथमिकता

रेलवे डेस्क। पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर ने 09 जून को गोरखपुर-पनियहवां रेलखंड का विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दोहरीकरण कार्यों की प्रगति, प्री-मानसून तैयारियों, और संरक्षित रेल संचालन से जुड़े मुद्दों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने सिगनलों की स्पष्ट दृश्यता सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया।
निरीक्षण के क्रम में उन्होंने खंड पर चल रहे दोहरीकरण कार्य, स्टेशनों पर पैदल उपरगामी पुलों का निर्माण, दूसरी लाइन के लिए मिट्टी कार्य, पुल निर्माण, अतिरिक्त प्लेटफॉर्म निर्माण तथा यात्री सुविधाओं के विस्तार जैसी परियोजनाओं का गहन अवलोकन किया।
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गोरखपुर कैंट से पनियहवा होते हुए वाल्मीकिनगर तक डबल रेल लाइन का निर्माण चल रहा है। इस 96 किलोमीटर लंबी लाइन को पांच चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में गोरखपुर कैंट से पिपराइच तक 16.09 किलोमीटर सेक्शन इसी साल तैयार होगा।
रेल मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए 1120.66 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। कुल 95.964 किलोमीटर में से 89.5 किलोमीटर लाइन उत्तर प्रदेश में बिछेगी। बिहार में 6.46 किलोमीटर लाइन का निर्माण होगा। परियोजना को तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य है।
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इस रूट पर गंडक नदी पर छितौनी-बगहा ब्रिज सहित 12 बड़े और 38 छोटे पुल बनेंगे। 9 क्रॉसिंग स्टेशन और 3 हाल्ट स्टेशन भी प्रस्तावित हैं। पहले चरण में गिट्टी बिछाने, मिट्टी भराई, स्टेशन बिल्डिंग विस्तार और पुलों का काम जारी है।
वर्तमान में इस रूट पर रोजाना करीब 30 यात्री और 25 मालगाड़ियां चलती हैं। सिंगल ट्रैक के कारण ट्रेनों को स्टेशनों पर रुकना पड़ता है। डबल लाइन बनने के बाद ट्रेनें बिना रुकावट चल सकेंगी।
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विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण करते हुए वह पनियहवां स्टेशन पहुंचीं और पनियहवां-वाल्मीकि नगर के मध्य नारायणी नदी पर प्रस्तावित दोहरीकरण पुल की योजना की जानकारी ली।
इस अवसर पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण अभय कुमार गुप्ता, प्रमुख मुख्य इंजीनियर नीलमणि, प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक अनुप कुमार सतपथी, प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर संजय सिंघल तथा मंडल रेल प्रबंधक/वाराणसी विनीत कुमार श्रीवास्तव सहित मंडल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।