नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन पेमेंट कंपनी पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड के शेयरों में फिर से भारी गिरावट देखने को मिली है। सिर्फ 10 दिनों में निवेशकों को करीब 26,000 करोड़ रुपये का चूना लग गया है। पेटीएम के शेयरों में यह गिरावट इसलिए आई है क्योंकि किराना स्टोर्स ने पेटीएम को अपने पेमेंट के तौर पर इस्तेमाल करना बंद कर दिया है। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेमेंट बैंक पर अपने रुख में बदलाव करने से इनकार कर दिया है। इसका असर वन 97 कम्युनिकेशंस के शेयरों पर भी पड़ा है। बुधवार को यह शेयर करीब 9 फीसदी तक लुढ़क गया और बीएसई पर यह 344.90 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गया।
आरबीआई के बैन का ऐलान हुए 10 कारोबारी दिन हो चुके हैं और इस दौरान इस शेयर ने अपनी करीब 55 फीसदी वैल्यू गंवा दी है। मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से यह करीब 26,000 करोड़ रुपये के बराबर है। 11.45 बजे कंपनी का शेयर -7.19% गिरावट के साथ 353.00 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।
इस बीच ग्लोबल ब्रोकिंग फर्म Macquarie ने इस नए जमाने के शेयर को अंडरपरफॉर्म करार दिया है। इसने इसके लिए 275 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है। Macquarie ने एक साल पहले पेटीएम के शेयर को डबल अपग्रेड किया था और 800 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया था। लेकिन 2022 आते-आते इसने अपना रुख बदल लिया और इसे अंडरपरफॉर्म रेटिंग दी। साथ ही, इसके लिए 450 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया। अब Macquarie ने एक बार फिर से अपना नजरिया बदला है। उसका कहना है कि पेटीएम इस वक्त अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। हालिया रेगुलेटरी उपायों से ग्राहकों के पलायन का खतरा गहरा गया है। इसका कंपनी के मॉनीटाइजेशन और बिजनस मॉडल पर बुरा असर पड़ सकता है।
Macquarie के एनालिस्ट सुरेश गणपति ने बताया कि पेमेंट बैंक के ग्राहकों को दूसरे बैंक अकाउंट या दूसरे संबंधित मर्चेंट अकाउंट में ट्रांसफर करना एक चुनौतीपूर्ण काम होगा। इसके लिए आरबीआई की 29 फरवरी की डेडलाइन के अंदर केवाईसी फिर से करना होगा। पेटीएम पेमेंट बैंक पर लगे बैन के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि केंद्रीय बैंक के समीक्षा की गुंजाइश बहुत कम है। मार्केट एक्सपर्ट्स की राय है कि रिटेल निवेशकों को तब तक पेटीएम में निवेश करने से बचना चाहिए जब तक रेगुलेटरी चुनौतियां खत्म नहीं हो जातीं। वेंचुरा सिक्योरिटीज के विनीत बोलिनकर का कहना है कि पेटीएम लगातार आरबीआई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता रहा है। इसकी वजह से उसे भारी जुर्माना भरना पड़ा है और उसके बिजनस मॉडल में भी व्यवधान आया है। Macquarie का कहना है कि पेटीएम के लेंडिंग पार्टनर अपने रिश्ते पर फिर से विचार कर रहे हैं। अगर पार्टनर पेटीएम के साथ जुड़ाव कम करते हैं या खत्म कर देते हैं तो इससे कंपनी के लेंडिंग बिजनस के रेवेन्यू में गिरावट आ सकती है।