नेशनल डेस्क। भारतीय रेलवे के द्वारा एक महत्वपूर्ण नियम पर विचार किया जा रहा है। अब हवाई जहाज वाला नियम ट्रेनों में भी लागू होगा। इसको लेकर रेलवे ने योजना बनायी है। भारतीय रेलवे ने हाल ही में यात्रियों की सुरक्षा में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया है। अब रेलवे भी हवाई यात्रा की तरह ‘नो फ्लाई लिस्ट’ बनाने की प्रक्रिया पर विचार कर रहा है, जिससे उद्दंड यात्रियों को ट्रेन से सफर करने से रोका जा सके। इसका मुख्य उद्देश्य ट्रेनों में महिलाओं के साथ हो रही छेड़खानी और अभद्रता को रोकना है, जो हालात में बढ़ रही है।
तैयार होगा डिजिटल डेटा:
इस सिस्टम के तहत, अब यात्रियों की अभद्रता की शिकायतों पर आधारित डिजिटल डेटा बनाया जाएगा। इसमें आरोपियों का नाम, पता, उम्र, चेहरा जैसी जानकारियां डिजिटल फार्मेट में संग्रहित की जाएंगी। इसके अलावा, बड़े स्टेशनों और ट्रेनों में चेहरे पहचानने वाले कैमरे लगाए जाएंगे ताकि अपराधियों को पहचाना जा सके और उनके सफर को रोका जा सके।
यह प्रयास भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण चरण है जो यात्रियों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए किया जा रहा है। यह सिस्टम अगले कुछ महीनों में लागू हो सकता है और रेलवे के सुरक्षा प्रणाली को और भी प्रभावी बनाने में मदद कर सकता है।
पुलिस को सीधे भेजा जायेगा अलर्ट:
भारतीय रेलवे ने हाल ही में यात्रियों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार के लिए कई नए उपाय शुरू किए हैं। ट्रेनों में खराब व्यवहार या अपराध करने वाले व्यक्तियों का डेटा रेलवे के पास मौजूद होगा। बड़े रेलवे स्टेशनों और चुनी गई ट्रेनों में फेस रिकग्निशन कैमरे लगाए गए हैं, जिनसे आपराधियों को पहचाना जा सकेगा। जब भी आरोपी रेलवे स्टेशन या ट्रेन में पहुंचेगा, तो उसकी पहचान होकर जीआरपी को अलर्ट भेजा जाएगा।
ऐसा करने पर बीच में उतार दिया जायेगा:
इसके अतिरिक्त, रेलवे ने अपराधियों को ट्रेन में यात्रा करने से रोकने के लिए प्रतिबंध लगाने की संभावना जताई है। ये प्रतिबंध उन व्यक्तियों के लिए हो सकते हैं जिनके खिलाफ गंभीर अपराध या शिकायतें हों। प्रतिबंध अवधि 3 महीने, 6 महीने, एक वर्ष या स्थायी भी हो सकती है, इसका निर्णय रेलवे द्वारा शिकायतों की गंभीरता के आधार पर लिया जाएगा। ऐसे प्रतिबंधित व्यक्तियों को यदि यात्रा करते पाया जाता है, तो उन्हें ट्रेन से बीच में ही उतार दिया जाएगा।
इस प्रक्रिया से भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा को मजबूत करने का प्रयास किया है, खासकर महिला यात्रियों की रक्षा में। ‘मेरी सहेली’ अभियान के अंतर्गत अकेले सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इस अभियान में इन महिलाओं का डेटा भी जीआरपी को दिया जाता है, ताकि उनकी सुरक्षा प्रारंभ स्टेशन से लेकर अंतिम स्टेशन तक सुनिश्चित की जा सके।
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