अब मजदूरों को पोर्टल के माध्यम से कराना होगा रजिस्ट्रेशन, बेटी की शादी के लिए मिलेगा 50 हजार रूपये

छपरा
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छपरा। जिलाधिकारी अमन समीर ने श्रम संसाधन विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने श्रम संसाधन विभाग द्वारा श्रमिकों के कल्याण हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं का व्यापक प्रचार कर अधिक से अधिक पात्र लोगों को लाभान्वित करने का निदेश दिया। बिहार भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार योजना के तहत जिला में अभीतक 80 हजार 955 श्रमिकों का निबंधन हुआ है। इसे और भी बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देने को कहा गया।

क्या है बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की कल्याणकारी योजनाएं?

  • मातृत्व लाभ – प्रसव के बाद 90 दिनों तक का वित्तीय लाभ
  • शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता- आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों के लिए पूर्ण शिक्षण शुल्क, बी.टेक, पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रमों के लिए क्रमशः 20 हजार और 10 हजार रुपये तक
  • नकद पुरस्कार – मैट्रिकुलेशन के बाद दो बच्चों तक के लिए 25 हजार रुपये तक की पुरस्कार राशि
  • विवाह के लिए वित्तीय सहायता – विवाह हेतु 50 हजार रुपये तक की नगद सहायता
  • वार्षिक चिकित्सा – 3 हजार तक नगद
  • पेंशन – एक हजार नकद
  • इसके अलावा साइकिल क्रय योजना, औजार क्रय योजना, भवन मरम्मती अनुदान योजना

ऑनलाइन कराना होगा रजिस्ट्रेशन :

इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए राज्य के सभी 18 से 60 वर्ष के मजदूर योग्य हैं, चाहे उनका कार्यक्षेत्र बिहार में हो या बिहार से बाहर। इसके लिए उन्हें अपना पंजीयन करवाना होगा।

पंजीयन लिंक :

http://bocw.bihar.gov.in

10 लाख श्रर्मिंको का हुआ निबंधन :

जिले में अब तक कुल 10 लाख श्रम कार्ड बनाए जा चुके हैं। प्रत्येक पंचायत में एक सुयोग्य श्रमिक को श्रम मित्र के रुप में चिन्हित करने को कहा गया। बताया गया कि हर पंचायत में एक श्रम मित्र हो जो नोडल की तरह काम करे और सभी आवेदनों के बारे जानकारी उपलब्ध कराये। हर महीने बिहार से बाहर रहने वाले मजदूरों की एक सूची तैयार होनी चाहिए जिसमें मुखिया और श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी साथ मिल कर काम करेंगे, डीएम ने निर्देश देते हुए कहा। फोन पर कॉल कर के मजदूर के परिजनों से बात करके सूचना लेनी होगी। हर महीने की रिपोर्ट नियमित रूप से आनी चाहिए।

जिन लोगों के आवेदन आए हैं, उनकी भी एक सूची तैयार की जाए जिससे पता चले कि उनको किस योजना का क्या क्या लाभ मिल सकता है। ये सभी जानकारी पंचायत स्तर से पता चल सकती है अगर नियमित रूप से जानकारी ली जाए।

बिहार जाति आधारित गणना एवं मनरेगा कार्ड धारकों की सूची तैयार है, उससे भी काम लिया जा सकता है। जरूरी है कि हर मजदूर को योजना का फायदा पहुंचे, ये सरकार की जिम्मेदारी है। इस वर्ष 23 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है जिसमें से 9 नियोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है।