छपरा। स्टेशन पर कुली ढूंढने के लिए यात्रियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। अब कुली की उपलब्धता ऑनलाइन होगी। इसके लिए मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के टेक्नोक्रेट ने स्टार्टअप के अंतर्गत कुली एप बनाया है। इस पर कुलियों का पंजीकरण किया जा रहा है। ट्रायल के तौर पर अभी इसे बनारस (मंडुवाडीह) स्टेशन पर शुरू किया गया है। जल्द ही इसे प्रयागराज के रामबाग और झूंसी स्टेशन पर शुरू किया जाएगा। उसके बाद देशभर के अन्य स्टेशनों पर यह सुविधा मिलेगी।
एमएनएनआईटी में बीटेक बायोटेक्नोलॉजी फाइनल इयर में छात्र उत्सव गुप्ता ने कुली एप बनाने की पहल की। इस प्रोजेक्ट में उन्होंने कंप्यूटर साइंस तृतीय वर्ष के मृणाल वार्ष्णेय, कंप्यूटर साइंस तृतीय वर्ष के ईनम यादव और डीवाई पाटिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग आकुर्डी पुणे के एआई एंड डेटा साइंड फाइनल इयर के ऋषभ सिंह को साथ लिया। छात्रों ने नवंबर 2023 में एप बनाने की प्रक्रिया शुरू की। टीम में टेक्निकल हेड के रूप में सिद्धार्थ कुमार, कंसल्टेंट के रूप में विवेक कुमार और एचआर के पद पर नैना सिंह जुड़ीं।
स्टार्टअप इंडिया के अंतर्गत एप का निर्माण कर रहे हैं। इसलिए मार्च 2024 में भारत सरकार से दो लाख रुपये की मदद भी मिली। युवाओं की मेहनत रंग लाई और एप बनकर तैयार हो गया है। यात्रियों को यह सुविधा मुहैया कराने के लिए मई में रेलवे से अनुमति मिल गई। पिछले हफ्ते से टीम के सदस्य बनारस स्टेशन पर कुलियों से मिलकर उनका पंजीकरण कर रहे हैं। साथ ही एप पर बुकिंग भी शुरू कर दिए हैं। जल्द ही रामबाग और झूंसी के कुलियों का पंजीकरण करेंगे। उनका अकाउंट नंबर इससे जोड़ देंगे।
कैसे काम करेगा एप
यात्रियों को कुली एप डाउनलोड करना होगा। www.cooliewale.in वेबसाइट पर भी बुकिंग कर सकेंगे। पीएनआर नंबर के जरिये ही बुकिंग होगी। यात्रियों को बताना होगा कि उनके पास कितने किलो का लगेज है। उसी के अनुसार रेलवे से निर्धारित दर पर कुली की बुकिंग होगी। इसमें पेमेंट ऑनलाइन और ऑफलाइन की सुविधा होगी। यात्री जो भुगतान करेंगे, वह कुली को मिलेगा। एप की ओर से कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा।
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