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Fertilizer: नकली और असली खाद में फर्क, बस कुछ मिनटों में ऐसे कर सकते हैं जांच

Fertilizer: नकली और असली खाद में फर्क, बस कुछ मिनटों में ऐसे कर सकते हैं जांच

Fertilizer: नकली और असली खाद में फर्क, बस कुछ मिनटों में ऐसे कर सकते हैं जांच। खरीफ फसलों की बुवाई का मौसम आमतौर पर जून से जुलाई के दौरान होता है, जो मानसून के आगमन के साथ शुरू होता है. यह वह समय है जब वर्षा की शुरुआत होती है, जो खरीफ फसलों के लिए अनुकूल होती है. खरीफ फसलों की बुवाई मानसून के शुरू होने पर करते हैं, क्योंकि इन फसलों की अच्छी वृद्धि के लिए पर्याप्त वर्षा आवश्यक होती है।

किसान खरीफ सीजन में खाद डालकर ही बुवाई करते हैं. ऐसे में बाजार में मिलने वाली नकली खाद की बिक्री से किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में किसानों को खाद की पहचान करना आना चाहिए ताकि वे नुकसान से बच सकें और ठगी के शिकार न हों. ऐसे में किसानों को असली खाद की पहचान के आसान तरीके बता रहे हैं जिसे अपनाकर किसान ठगी से बच सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे करें असली या नकली खाद की पहचान.

नकली या असली खाद की पहचान कैसे करें: 

यूरिया 

किसान यूरिया की पहचान करना चाहते हैं तो बता दे, यूरिया की असली पहचान है इसके सफेद चमकदार समान आकार के कड़े गोल दाने. यूरिया पानी में पूरी तरह घुल जाने वाला उर्वरक है और घोल को छूने पर शीतल अनुभूति होना ही इसकी असली पहचान है. यूरिया को तवे पर गर्म करने से इसके दाने पिघल जाते है. अगर हम आंच तेज कर दें और इसका कोई अवशेष न बचे तो समझ लें यही असली यूरिया है. ऐसे किसान स्वयं कुछ खास बातों का ध्यान रखें तो वह शुद्ध उर्वरक खरीद सकते हैं.

Fertilizer: नकली और असली खाद में फर्क, बस कुछ मिनटों में ऐसे कर सकते हैं जांच

डीएपी

डीएपी की असली पहचान है. इसके कठोर दाने ये भूरे काले एवं बादामी रंग के होते है और नाखून से आसानी से नहीं टूटते हैं. इसके आलावा डीएपी की असली पहचान के लिए इसके कुछ दानों को हाथ में लेकर तम्बाकू की तरह उसमें चूना मिलाकर मलने पर अगर उसमें से तेज गंध निकले जिसे सूंघना मुश्किल हो जाए तो समझ लें कि ये डीएपी असली है. डीएपी को पहचानने की एक और आसान विधि है. अगर आप डीएपी के कुछ दाने धीमी आंच पर तवे पर गर्म करें, अगर ये दाने फूल जाते है तो समझ लें यही असली डीएपी है. ऐसे में जरूरी है कि किसान डीएपी खरीदते समय कुछ सावधानियां बरतें, ताकि उन्हें नकली सामान के कारण घाटे का सामना न करना पड़े.

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सुपर फास्फेट

किसान भाइयों सुपर फास्फेट की असली पहचान है इसके सख्त दाने तथा इसका भूरा काला बादामी रंग. सुपर फास्फेट नाखूनों से आसानी से न टूटने वाला उर्वरक है. इसके कुछ दानों को गर्म करें. अगर ये नहीं फूलते है तो समझ लें यही असली सुपर फास्फेट है. ध्यान रखें कि गर्म करने पर डीएपी व अन्य काम्प्लेक्स के दाने फूल जाते है जबकि सुपर फास्फेट के नहीं इस प्रकार इसकी मिलावट की पहचान आसानी से की जा सकती है. इसके आलावा ध्यान रखें की इस दानेदार उर्वरक में मिलावट बहुधा डीएपी व एनपीके मिक्स्चर उर्वरकों के साथ की जान ए सम्भावना बनी रहती है.

Fertilizer: नकली और असली खाद में फर्क, बस कुछ मिनटों में ऐसे कर सकते हैं जांच

पोटाश

असली सुपर फास्फेट की पहचान है इसका सफेद कड़ाका. किसान भाइयों इसे नमक और लाल मिर्च जैसा मिश्रण पोटाश के कुछ दानों को नम करें, अगर ये आपस में नही चिपकते है तो समझ लें कि ये असली पोटाश है. किसान भाइयों एक बात और पोटाश पानी में घुलने पर इसका लाल भाग पानी में ऊपर तैरता रहता है.

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जिंक सल्फेट

किसान भाइयों जिंक सल्फेट की असली पहचान ये है कि इसके दाने हल्के सफेद पीले और भूरे बारीक कण के आकार के होते है. जिंक सल्फेट में प्रमुख रूप से मैगनीशियम सल्फेट की मिलावट की जाती है. डी.ए.पी. के घोल में जिंक सल्फेट का घोल मिलाने पर थक्केदार घना-अवशेष बनाया जाता है. अगर आप जिंक सफेट के घोल मे पलती कास्टिक का घोल मिलाएं तो सफेद मटमैला मांड जैसा अवशेष बनता है. अगर इसमें गाढ़ा कास्टिक का घोल मिला दें तो ये अवशेष पूर्णतया घुल जाता है.

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