दो मार्च तक चलेगा मॉप अप राउंड, एमडीएम अभियान में छूटे हुए लाभुकों को खिलाई जाएगी दवा

छपरा
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– जिले में बुधवार तक 62 प्रतिशत लाभुकों को खिलाई जा चुकी है फाइलेरिया रोधी दवाएं

– निश्चिंत होकर खाएं फाइलेरिया रोधी दवा, इस दवा से नहीं होता कोई नुकसान
छपरा, 22 फरवरी | जिले में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है। इस क्रम में जिले में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत लोगों को डोर-टू-डोर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जा रही है। सारण जिले में बुधवार तक 62 प्रतिशत लाभुकों को सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) के तहत दवा खिलाई जा चुकी है। ऐसे में जिले के सभी योग्य लाभुकों को दवा खिलाने के लिए राज्य के फाइलेरिया विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिसके तहत छूटे हुए लाभुकों को दवाओं का सेवन कराने के लिए मॉप अप राउंड चलाने का निर्णय लिया गया है।

इस संबंध में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने एमडीए अभियान की समाप्ति के बाद आगामी दो मार्च तक मॉप अप राउंड चलाने का निर्देश दिया है। जिसमें किसी कारणवश छूटे व्यक्तियों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने की बात कही गई है। जिसमें पूर्व की भांति ही छूटे हुए व्यक्तियों को फाइलेरिया रोधी दवा डीईसी व अल्बेंडाजोल की गोली स्वास्थ्य कर्मियों के सामने खिलाई जाएगी।

लाभुकों को उम्र और लंबाई के हिसाब से कराया जा रहा दवाओं का सेवन :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया, एक भी व्यक्ति दवा खाने से वंचित न रह जाए इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी ताकत झोंक दी है। एमडीएम कार्यक्रम में लाभुकों को उम्र और लंबाई के हिसाब से दवाओं का सेवन कराया जा रहा है। जिसमें से 5 साल तक के बच्चों को 100 मिलीग्राम की डीईसी एवं 400 मिलीग्राम की अल्बेंडाजोल की एक-एक गोली, 6 से 14 साल तक के किशोरों को डीईसी की दो एवं अलबेंडाजोल की एक गोली एवं 15 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी की तीन गोलियां एवं अलबेंडाजोल की एक गोली खिलायी जा रही है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक पीड़ादायक बीमारी है, जो मनुष्य को अपंग बना देती है। फाइलेरिया के लक्षण उभरने में 08 से 10 साल लगते हैं। जिससे समय रहते इसका बचाव नहीं हो पाता है। इस बीमारी का कोई उपचार नहीं है। इससे बचने के लिए फाइलेरिया रोधी दवाएं जरूर खाएं।

इन बातों का रखें ख्याल :
– भूखे पेट दवा नहीं खिलानी है
– किसी के बदले किसी अन्य को दवा ना दें और स्वास्थ्य कर्मी के सामने दवा खाएं
– गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलानी है
– 02 वर्ष छोटे बच्चे को दवा नहीं खिलानी है
– गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को भी दवा नहीं खिलानी है।

निश्चिंत होकर खाएं फाइलेरिया रोधी दवा :
फाइलेरिया की दवा खाने से अगर आपको पेट दर्द, उल्टी, मितली, चक्कर आना, चकत्ते पड़ना और दिल की धड़कन तेज होने जैसी समस्या होती है, तो आप घबरायें नहीं बल्कि यह फाइलेरिया होने का सबूत है। इसकी दवा आपके शरीर में फैले संक्रमण को पूरी तरह खत्म कर रही है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग निश्चिंत होकर फाइलेरिया रोधी दवा खाएं। इस दवा से कोई नुकसान नहीं होता है। इस दवा से परेशानी सिर्फ उन्हीं को होती है, जिनके भीतर फाइलेरिया के वाहक माइक्रोफाइलेरिया मौजूद हैं और दवा के असर से उनका खात्मा होने लगता। ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हर सीएचसी-पीएचसी पर रैपिड रिस्पांस टीम बनी हुई है जो फौरन मदद कर रही। सामान्य व्यक्तियों को इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ता।