छपरा। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिले में 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन अभियान की शुरूआत की जायेगी। अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिला मलेरिया कार्यालय में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह की अध्यक्षता में मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च संस्था के सहयोग कार्यशाला का आयोजन किया गया। डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि सारण में 37 लाख 92 हजार 159 लोगों को दवा खिलायी जायेगी।
अभियान के दौरान जिले में 5 लाख 88 हजार 834 घरों को लक्षित किया गया है। सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम को सफल बनाने में मीडिया की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। मीडिया के माध्यम से इस अभियान को जन-सहभागिता में तब्दील कर सफल बना सके है। 10 फरवरी से अभियान की शुरूआत होगी। 17 दिनों तक अभियान चलेगा, शुरूआती तीन दिनों तक बूथ लगाकर दवा खिलायी जायेगी। निजी और सरकारी विद्यालयों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, चौक-चौराहा, पंचायत भवन, सरकारी कार्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों, पीएचसी, सीएचसी और स्वास्थ्य केंद्रों में बूथ लगाकर दवा खिलायी जायेगी।
स्कूलों में लंच समय खाना खाने के बाद बच्चों को दवा खिलाना है। ताकि बच्चें दवा खाने के बाद अपने घर के लोगों को भी इसके बारे में जागरूक कर सके। अभियान से पहले स्कूलों में फाइलेरिया कक्षा आयोजित किया जाये, जिसमें सभी बच्चों को फाइलेरिया बीमारी के बारे में तथा दवा खाने की जानकारी दी जाये। बच्चों के कॉपी पर एमडीए की दवा खाने का संदेश दिया जाये और परिजन से हस्ताक्षर कराकर उसे जमा करांए। उसके बाद 14 दिनों तक आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा खिलायेंगी।
शहरी क्षेत्र में स्वयंसेवक और आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा दवा खिलायी जायेगी। इस अभियान में जीविका, शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, पंचायती राज, स्वास्थ्य विभाग की सहभागिता सुनिश्चित की गयी है। डॉ दिलीप ने कहा कि दवा खिलाने के 1884 टीम गठित किया गया है। 3357 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर, 179 सुपरवाइजर लगाये गये है।
किसी भी हाल में खाली पेट नहीं खानी है दवा:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि यह दवा किसी भी परिस्थिति में खाली पेट नहीं खाना है। कुछ खाने के बाद हीं दवा को खाना है, उसके बाद एक ग्लास पानी पीना है। अल्बेंडाजोल की दवा को चबाकर खाना है। फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने पहल की है। इस बार तीन तरह की दवा खिलायी जायेगी। जिसमें डीईसी, अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन शामिल है। ट्रीपल ड्रग थेरेपी के माध्यम से सारण जिला फाइलेरिया मुक्त होगा। सारण में दो प्रखंड मढौरा और अमनौर फाइलेरिया उन्मूलन की ओर अग्रसर है। यहां में माइक्रो फाइलेरिया का रेट 1 प्रतिशत से नीचे है। इसलिए इन दो प्रखंडों में दवा नहीं खिलायी जायेगी।
दवा खुद खायें और अपने परिवार के सभी सदस्यों को खिलाएं:
जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार सुधीर कुमार ने कहा कि इस अभियान में जन-सहभागिता जरूरी है। फाइलेरिया यानी हाथीपांव एक ऐसी बीमारी है जो एक बार हो जाये तो आपको जीवन भर के लिए दिव्यांग बना देती है। हाथी पांव का इलाज संभव नहीं है। ऐसे में सभी से अपील है कि दवा स्वयं खायें और अपने परिवार के सभी सदस्यों को खिलायें। तभी फाइलेरिया मुक्त जिला का सपना साकार हो सकेगा। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को दवा नहीं खिलायी जायेगी।
आइवरमेक्टिन दवा हाइट के अनुसार देना है। 90 से 119 सेमी लंबाई वाले को एक गोली, 120 से 140 सेमी लंबाई वाले को 2 गोली, 141 से 158 सेमी वाले को 3 गोली और 159 सेमी से ज्यादा चाहे जितना भी हो उसे 4 गोली देनी है। वहीं 2 से 5 वर्ष आयु वर्ग को डीईसी की एक गोली और अल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग को डीईसी की दो गोली और अल्बेंडाजोल की एक गोली, 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले 3 डीईसी और एक अल्बेंडाजोल की गोली देनी है।
सुक्रत्या मोबाइल ऐप से होगी निगरानी:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने कहा कि सर्वजन दवा सेवन अभियान की मॉनिटरिंग मोबाइल ऐप के माध्यम से की जायेगी। इसके साथ हीं प्रखंड स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है, ताकि कहीं भी कोई प्रतिकूल प्रभाव सामने आने पर तुरंत रिस्पांस किया जायेगा। इसके साथ हीं सुपरविजन के लिए अलग-अलग टीम गठित की गयी है। जो क्षेत्र में जाकर अभियान के दौरान अनुश्रवण करेगी।
इस मौके पर जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार, वेक्टर जनित रोग सलाहकार सुधीर कुमार, पीरामल के डिस्ट्रिक्ट लीड हरिशंकर कुमार, प्रोग्राम लीड अरविन्द पाठक, सीफार के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक गनपत आर्यन, प्रोग्राम एसोसिएट कृष्णा सिंह समेत अन्य मौजूद थे।
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