•फाइलेरिया उन्मूलन के चलेगा सर्वजन दवा सेवन अभियान
•शिक्षा विभाग, पंचायती राज और जीविका के पदाधिकारियों का हुआ उन्मुखीकरण
•सिविल सर्जन की अध्यक्षता में किया गया उन्मुखीकरण
छपरा। जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जायेगा। इसको लेकर समाहरणालय सभागार में सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग और जीविका के प्रखंडस्तरीय पदाधिकारियों का उन्मुखीकरण किया गया। जिसमें फाइलेरिया के बारे में जानकारी दी गयी। इस दौरान सभी विभाग को उनके कर्तव्यों के बारे में बताया गया कि इस अभियान में किस विभाग की क्या भूमिका है। सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी विभागों की सहभागिता जरूरी है। तभी यह अभियान सफल होगा। उन्होने कहा कि यह अभियान 17 दिनों तक चलेगा। शुरूआती तीन दिनों तक बूथ लगाकर दवा खिलायी जायेगी, उसके बाद घर-घर जाकर दवा खिलायी जायेगी। इस अभियान शिक्षा विभाग की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। स्कूलों में बूथ लगाकर बच्चों को दवा खिलायी जायेगी। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को दवा नहीं खिलायी जायेगी। शुरूआती तीन दिन सार्वजनिक स्थल, पंचायत भवन, चौक-चौराहा, सरकारी अस्पताल, आंगनबाड़ी केंद्र और सरकारी और निजी विद्यालयों में बूथ लगाकर दवा खिलायी जायेगी। लंच समय खाना खाने के बाद बच्चों को दवा खिलाना है। ताकि बच्चें दवा खाने के बाद अपने घर के लोगों को भी इसके बारे में जागरूक कर सके। इस मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह, डीपीएम अरविन्द कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. रंजितेश कुमार, पिरामल के प्रोग्राम लीड हरिशंकर कुमार, अरविन्द पाठक, पीओ-सीडी पिरामल पंकज कुमार, सीफार के डीपीसी गनपत आर्यन समेत सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, जीविका बीपीएम और पंचायती राज विभाग पदाधिकारी मौजूद थे।
फाइलेरिया कक्षा का होगा आयोजन:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि अभियान से पहले स्कूलों में फाइलेरिया कक्षा आयोजित किया जाये, जिसमें सभी बच्चों को फाइलेरिया बीमारी के बारे में तथा दवा खाने की जानकारी दी जाये। बच्चों के कॉपी पर एमडीए की दवा खाने का संदेश दिया जाये और परिजन से हस्ताक्षर कराकर उसे जमा करांए। साथ हीं जागरूकता के लिए निबंध प्रतियोगिता आयोजित कराया जाये। कहा कि स्कूली बच्चों के द्वारा प्रभात-फेरी निकाली जाये। वहीं पंचायती राज विभाग को जिम्मेदारी दी गयी है कि पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जाये और प्रतिनिधियों पंचायत में प्रचार-प्रसार कराया जायेगा। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए समुदाय के साथ बैठक करें और 10 फरवरी को स्वयं दवा खाकर इसका उद्घाटन करेंगे। सभी पंचायत परिसरों में दीवाल पेंटिंग कराया जाये। आईसीडीएस विभाग को जिम्मेदारी दी गयी है सेविकाओं के माध्यम से दीवार स्लोगन लेखन, बूथ लगाने में मदद, गृह भ्रमण के दौरान समुदाय में जागरूकता और शहरी क्षेत्र में दल कर्मी में रूप में कार्य करना सुनिश्चित करें।
खाली पेट नहीं खानी है दवा:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि यह दवा खाली पेट नहीं खानी है, दवा खाने के बाद एक ग्लास पानी पीना है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को दवा नहीं खिलाना है। उन्होने बताया कि आइवरमेक्टिन दवा हाइट के अनुसार देना है। 90 से 119 सेमी लंबाई वाले को एक गोली, 120 से 140 सेमी लंबाई वाले को 2 गोली, 141 से 158 सेमी वाले को 3 गोली और 159 सेमी से ज्यादा चाहे जितना भी हो उसे 4 गोली देनी है। वहीं 2 से 5 वर्ष आयु वर्ग को डीईसी की एक गोली और अल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग को डीईसी की दो गोली और अल्बेंडाजोल की एक गोली, 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले 3 डीईसी और एक अल्बेंडाजोल की गोली देनी है।
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